महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में राष्ट्रवाद का मुद्दा हावी
महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो गया। मतदान के तत्काल बाद विभिन्न खबरिया चैनलों ने जो एक्जिट पोल के रुझान जारी किए हैं उसके मुताबिक महाराष्ट्र और हरियाणा दोनो ही राज्यों में भाजपा गठबंधन को प्रचंड बहुमत हासिल होने जा रहा है। जबकि कांग्रेस को पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले और भी कम सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है। यदि एक्जिट पोल के आंकड़े सही साबित होते हैं तो यह मानना पड़ेगा कि इन दोनों ही राज्यों में राष्ट्रवाद का मुद्दा हावी रहा।
जिसका भाजपा को लाभ मिलने जा रहा है। विभिन्न एक्जिट पोल के मुताबिक 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा और शिवसेना गठबंधन को 204 से 220 सीटें तक मिल सकती हैं। वहीं कांग्रेस और राकांपा गठबंधन को 55 से 69 सीटें मिल सकती है। 15 सीटें अन्य दलों के खाते में जा सकती है। 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में भी भाजपा को 60 से 65 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। जबकि कांग्रेस को 15 से 17 सींटें ही मिल सकती है।
इन दानों ही राज्यों मे कौन कितने पानी में है इसका पता तो चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद ही चलेगा। किन्तु एक्जिट पोल ने चुनावी परिणाम की तस्वीर काफी हद तक साफ कर दी है। इतना तो तय है कि दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकार फिर से बनने वाली है। यदी ऐसा होता है तो यह कांग्रेस के लिए एक और बड़ा झटका साबित होगा। जो अभी पिछले लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार के सदमें से नहीं उबर पाई है। इन दोनों ही राज्यों में विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस ने जो आंतरिक कलह मची थी उससे भी कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
खासतौर पर महाराष्ट्र में एन चुनाव के पूर्व कांग्रेस और राकांपा के कई नेताओं ने पाला बदल दिया था, जिनमें से कुछ भाजपा में तो कुछ शिवसेना में शामिल हुए थे। महाराष्ट्र में कांग्रेस के टिकट वितरण को लेकर भी जबरदस्त असंतोष उभरा था। मंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम ने तो बगावती तेवर भी दिखाए थे और कांग्रेस की करारी हार की भविष्यवाणी तक कर डाली थी। ऐसा लगता है कि संजय निरूपम की भविष्यवाणी सही साबित होने जा रही है।