Farmer Anger : खाद की कालाबाजारी पर केन्द्र व राज्य सरकार की अंकुश नहीं
सहकारी समितियों के माध्यम से जल्द ही उपलब्ध हो खाद : तेजराम विद्रोही
रायपुर/नवप्रदेश। Farmer Anger : अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव ने उर्वरकों की कालाबाजारी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि, केन्द्र व राज्य सरकारें किसानों के हित की तो बातें बड़ी-बड़ी करते हैं लेकिन धरातल में किसान कितने परेशानियों का सामना कर रहे हैं। कोई ध्यान देने वाला नहीं है अलबत्ता किसानों को सामने रखकर विपक्ष में जब रहे तो जरूर राजनीतिक रोटी सेंकने में कोई कसर बाकी नहीं रहता।
रबी सीजन में खाद के लिए दर दर भटक रहे है किसान
व्याप्त खाद की कमी और कालाबाजारी (Farmer Anger) को लेकर अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव तेजराम विद्रोही ने कहा कि रबी की सीजन है और किसान रासायनिक खाद के लिए दर दर भटक रहे हैं। सरकार के पास सहकारी समितियों में खाद उपलब्ध नहीं है लेकिन निजी उर्वरक विक्रेताओं के गोदाम यूरिया, डीएपी, ग्रोमोर आदि खादों से भरे पड़े हैं जिसे वे दोगुने दामों पर किसानों को बेच रहे हैं।
तेजराम विद्रोही ने आरोप लगते हुए कहा, यहां तक कि किसानों का चेहरा पहचान कर खाद बेचा जा रहा है। जिनसे अधिक दाम पर बेचे जाने की शिकायत किसान न करे। किसानों के सामने संकट यह है कि निजी दुकानों से अधिक दाम पर खाद खरीदने की शिकायत करें या खाद खरीदकर फसल की उत्पादन करें। कमोबेश सभी राज्यों में यही स्थिति है और जिन राज्य में जिस पार्टी का सरकार नहीं है वह सत्ताधारी पार्टी को कोस रहे हैं।
किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी
सबसे बड़ा सवाल यह है कि सहकारी समितियों में खाद की किल्लत है लेकिन निजी दुकानदारों के गोदामों में खाद का भंडार है। आखिर उनको कहाँ से खाद मिलती है? इससे साफ जाहिर है कि खाद की कालाबाजारी और किसानों (Farmer Anger) की लूट पर शासन तथा प्रशासन द्वारा कोई अंकुश नहीं है। अगर इसी तरह की स्थिति बनी रही तो किसान खाद के लिए सड़क पर उतर कर आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।