हड़ताली रेसिडेंट्स डॉक्टर्स होंगे और उग्र, जल्द हो सकती है इमरजेंसी सेवा बंद
रायपुर/नवप्रदेश। Doctors Strike : रेसिडेंट्स डॉक्टरों की हड़ताल चौथे दिन मंगलवार को भी जारी रही। हड़ताल के दौरान पहले दिन से ही ओपीडी बंद है। अब ऑपरेशन थियेटर को भी बंद कर दिया गया है। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने सरकार को चेतावनी दी है कियदि उनकी मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो आने वाले समय में इमरजेंसी सेवा भी बंद किया जाएगा। नीट PG डिले होने पर पूरे देश में डॉक्टरों की हड़ताल की गई।
गौरतलब है कि नीट पीजी की काउंसलिंग नहीं होने के विरोध में फेडरेशन ऑफ रेसिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने 27 नवंबर से पुरे देशभर में हड़ताल शुरू कर दिया है। जिसका असर छत्तीसगढ़ में भी पड़ा है। हड़ताल (Doctors Strike) कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर का खतरा देश में मंडरा रहा है, ऐसे में नए डॉक्टरों की भर्ती नहीं होने से फिर से दूसरे लहर जैसी हालात बन सकते हैं।
दरअसल, नीट पीजी काउंसलिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सरकार ने नीट पीजी में 27 फीसदी ओबीसी और 10 फीसदी आपक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को देने का फैसला लिया था, जिसे कुछ मेडिकल छात्रों ने चुनौती दी है। छात्रों ने नीट पीजी में ईडब्ल्यूएस और ओबीसी वर्ग को आरक्षण की वैधता को चुनौती दी गई है। छात्रों का कहना है कि निम्न आय वर्ग की परिभाषा में 8 लाख रुपये तक सालाना आय के लोगों को रखना मनमाना फैसला है। इस मुद्दे पर कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है।
डॉक्टर साधना दुबे ने बताया हमें किसी भी प्रकार की तारीख पर तारीख नहीं चाहिए। हमें सिर्फ और काउंसलिंग चाहिए,जबकि रिजल्ट आए 15 माह बीत चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अगली सुनवाई 5 जनवरी को दी है और उसके बाद आगे की डेट मिल जाए, ये भी नहीं पता। डॉ.साधना ने कहा कि डॉक्टरों की कमी है दूसरी ओर काउंसलिंग नहीं होने से नए बैच नहीं आ रहे है तो मरीजों को दिक्क्तों का सामना तो करना ही पड़ेगा। नए बेच नहीं आने से हम लोगों पर भार डबल हो गया है, पिछले एक साल से दबाव के बीच काम कर रहे हैं हम लोग भी मानसिक रूप से परेशान हो चुके हैं और व्यवस्था भी चरमरा गई है। छत्तीसगढ़ में लगभग 400 पीजी डॉक्टर हड़ताल में है। अस्पतालों में सेवा बंद करने से मरीज परेशान है।