जिंदगी और मौत की जंग से जूझ रही सृष्टि को मिला SECL का सहारा, अब लग पायेगा 16 करोड़ का इंजेक्शन

जिंदगी और मौत की जंग से जूझ रही सृष्टि को मिला SECL का सहारा, अब लग पायेगा 16 करोड़ का इंजेक्शन

Srishti, who is battling the battle of life and death, got the support of SECL, now it will be possible to get an injection of 16 crores

Rare Disease SMA

कोरबा/नवप्रदेश। Rare Disease SMA : सृष्टि रानी के इलाज के लिए एसईसीएल प्रबंधन ने 16 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी है। शुक्रवार को एसईसीएल दीपका परियोजना के महाप्रबंधक शशांक देवांगन ने सृष्टि रानी के पति सतीश कुमार को 16 करोड़ रुपए का चेक प्रदान किया।

एसईसीएल के दीपका कोयला क्षेत्र में कार्यरत ओवरमैन सतीश रवि की दो साल की बेटी सृष्टि रानी ‘स्पाइनल मस्क्यूलर एट्रॉफी’ (SMA) नामक एक बेहद ही दुर्लभ बीमारी से ग्रस्त है। अमूमन छोटे बच्चों में होने वाली इस बीमारी में स्पाइनल कॉर्ड और ब्रेन स्टेम में नर्व सेल की कमी से मांसपेशियां सही तरीके से काम नहीं कर पातीं और धीरे-धीरे यह बीमारी प्राणघातक होती चली जाती है। इसका इलाज बेहद ही महंगा है और इलाज में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन ‘जोलजेंस्मा’ की कीमत 16 करोड़ है।

कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने 16 नवम्बर को कोल परिवार की बिटिया के इलाज (Rare Disease SMA) के लिए 16 करोड़ की मंजूरी दी थी। सृष्टि रानी के इलाज के लिए विदेश से आयात कर 16 करोड़ रुपए का ‘जोलजेंस्मा’ इंजेक्शन दिया जाना है। एम्स, दिल्ली में इलाज के बाद सृष्टि फिलहाल अपने पिता के कार्यस्थल दीपका के आवास में रह रही है, जहां उन्हें पोर्टेबल वेंटिलेटर पर रखा गया है।

गौरतलब है कि अपने जन्म के 6 महीने के भीतर ही सृष्टि काफी बीमार रहने लगी। इस बीच कोविड महामारी की वजह से उसके माता-पिता उसे बेहतर इलाज के लिए बाहर नहीं ले जा सके और स्थानीय स्तर पर उसका इलाज चलता रहा।

हालत में सुधार न होता देख सतीश दिसंबर 2020 में सृष्टि के इलाज के लिए सीएमसी वेल्लोर गए। जांच के बाद पता चला कि उसे ‘स्पाइनल मस्क्यूलर एट्रॉफी’ (Rare Disease SMA) है और ‘जोलजेंस्मा’ इंजेक्शन की जरूरत होगी, जो भारत के बाहर उपलब्ध है। 30 दिसंबर, 2021 को जब सतीश, सृष्टि को वेल्लोर से लेकर छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला स्थित दीपका के अपने आवास लौट रहे थे तो रास्ते में ही सृष्टि की तबीयत ज्यादा खराब हो गई और उसे एसईसीएल से इंपैनल्ड अपोलो अस्पताल बिलासपुर में भर्ती करना पड़ा। वहां काफी समय इलाज चलने के बाद सतीश ने एम्स दिल्ली से सृष्टि का इलाज कराया। फिलहाल बच्ची का इलाज घर पर ही चल रहा है, जहां वह पोर्टेबल वेंटिलेटर पर है।

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