Unlock School : शत-प्रतिशत क्षमता के साथ स्कूल में बच्चों का होगा कोलाहल
22 नवंबर को प्रस्तावित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में होगा अंतिम फैसला
रायपुर/नवप्रदेश। Unlock School : छत्तीसगढ़ के स्कूल अब पूरी तरह से अनलॉक होंगे, इसका फैसला 22 नवंबर को लिया जाएगा। कोरोना संक्रमण कम होने के मामले की समीक्षा के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी छात्रों को एक साथ स्कूल बुलाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसे सरकार को भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 22 नवंबर को प्रस्तावित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इसका अंतिम फैसला होगा। हालांकि अभी तक स्कूल में कुल छात्रों में से आधे को ही बुलाया जा रहा था।
शिक्षा मंत्री ने कहा- स्कूल कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए खुलेंगे
स्कूल शिक्षा विभाग सभी को एक साथ बुलाने की तैयारी में है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया, कोरोना के केस कम है इसलिए पूरी विद्यार्थियों की उपस्थिति में स्कूल खुलेंगे, इस पर विचार किया जा रहा है। 22 नवंबर को कैबिनेट की बैठक है इस बारे में चर्चा होगी। उसके बाद उस पर फैसला लिया जाएगा। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा, कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए स्कूल खोले जाएंगे।
ज्ञात हो कि, कोरोना संकट के समय से बंद स्कूल इस साल 2 अगस्त से खोल (Unlock School) दिए गए थे। इनमें प्राइमरी कक्षाओं के अलावा 8वीं, 10वीं और 12वीं की कक्षाएं ही संचालित हुईं। करीब एक महीने बाद स्कूल की सभी कक्षाएं विद्यार्थियों के लिए खोल दी गईं। शर्त यह थी कि स्कूल खोलने से पहले पालकों और स्थानीय निकाय प्रतिनिधियों से सहमति लेनी होगी। कक्षाओं में एक दिन में कुल दर्ज संख्या के 50 प्रतिशत यानी आधे बच्चों को ही बुलाया जाता है।
स्कूलों में अभी भी संकट बरकरार
स्कूलों में कोरोना का संकट अभी भी बना हुआ है। बुधवार को ही बिरगांव के एक निजी स्कूल की छात्रा कोरोना संक्रमित पाई गई है। प्रबंधन ने स्कूल बंद कर दिया है। छात्रा के संपर्क में आए परिजनों, स्कूल स्टाफ, सहपाठियों के नमूने लिए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग वहां कैंप लगाकर जांच करने वाला है। इससे पहले भी महासमुंद और बलौदा बाजार के स्कूलों में कई बच्चे संक्रमित मिल चुके हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- आपको सावधानी से आगे बढ़ना होगा
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, जीवन के पथ पर आगे तो बढऩा ही है, लेकिन सावधानी रखनी होगी। बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ है। स्टाफ का टीके की दोनों डोज लगी होनी चाहिए, उसके बाद ही स्कूल आए। लेकिन स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कर्मचारियों का शत-प्रतिशत टीकाकरण हो।