Police Action : हुक्का कारोबार पर सख्ती, ताबड़तोड़ छापे, CM ने कहा…?
वीआईपी रोड के आसपास का इलाका बन गया हुक्का हब, सख्त कानून की जरूरत
रायपुर/नवप्रदेश। Police Action : CM भूपेश बघेल ने आईजी-एसपी कांफ्रेंस में हुक्के को लेकर कड़े तेवर दिखाने कहा। उन्होंने राजधानी समेत पूरे प्रदेश में इसे बंद करने का निर्देश दिया है। कांफ्रेंस खत्म होते ही देर रात पुलिस हरकत में आ गई। हुक्का कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए बंद कराने का फरमान सुनाया।
शुक्रवार देर रात को राजधानी रायपुर के तेलीबांधा वीआईपीरोड और खम्हारडीह क्षेत्र में तकरीबन आधा दर्जन कैफे और रेस्टोरेंट में पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी की है। जिसमें से 4 स्थानों में बड़ी संख्या में युवक-युवती हुक्का पीते मिले। इन स्थानों से पुलिस ने तकरीबन तीन दर्जन से ज़्यादा हुक्का पॉट भी जब्त किए है।
मिली जानकारी के मुताबिक हाफ एंड हाफ कैफे, वाइट अर्थ कैफे, मिनिस्ट्री कैफे, स्काई लॉन्च और एसडी कैफे में पुलिस ने दबिश देकर बड़ी संख्या में हुक्का जप्त किया है। यहां खुलेआम हुक्का पार्टी के लिए नौजवान लड़के लड़कियां पहुंची थी और देर रात तक रहती थी। हुक्का पीने वाले इन लड़के और लड़कियों को भी पुलिस ने सख्ती के साथ फटकार लगाई है। साथ ही उनसे उनके परिजनों के मोबाइल नंबर, पता भी पुलिस ने कलेक्ट किया है।
रायपुर पुलिस को CM से मिली तारीफ
इधर रायपुर पुलिस की इस ताबड़तोड़ छापेमारी (Police Action) से प्रदेश का मुखिया खुश होकर पुलिस टीम की पीठ भी थपथपाई है। रायपुर पुलिस ने इस कार्यवाही की जानकारी ट्वीटर पर तस्वीरों के साथ साझा की। इस पर CM भूपेश बघेल ने इसे री-ट्वीट करते हुए ‘वेल डन’ लिखा है।
VIP रोड बना हुक्का हब
राजधानी में वीआईपी रोड और उसके आसपास का क्षेत्र हुक्के का हब बन गया है। वीआईपी के राम मंदिर से लेकर माना एयरपोर्ट तक करीब 50 से ज्यादा हुक्का बार हैं। देर रात से युवक-युवतियों का आना-जाना लगा रहता है। हालांकि राजधानी में पिछले 2 वर्षों में पुलिस एक दर्जन से अधिक हुक्का बार पर छापे मार चुकी है लेकिन एक-दो दिन सील रहने के बाद कारोबारी मामूली जुर्माने देकर वापस फिर से खोल लेते थे। पुलिस भी कई बार छापे मार चुकी, बावजूद एक भी हुक्का बार बंद नहीं हुआ है। पुलिस की माने तो, हुक्का बार रोकने में नियम-कायदे लचीला होने के कारण कारोबारी चंद ही दिनों में ही दुबारा खोल लेता है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हुक्का बार बंद करने के लिए सख्त कानून की जरूरत है।
क्या होता कोटपा-2003 एक्ट और क्या जुर्माना
हुक्का बार में छापे के बाद पुलिस कोटपा-2003 एक्ट के तहत जुर्माना (Police Action) करती है या मामला कोर्ट में पेश कर देती है। आरोपी थोड़े जुर्माने के बाद छूट जाते हैं। कई बार तो हुक्का बार वालों को थाने से ही छोडऩा पड़ रहा है। इसलिए सख्ती नहीं हो पा रही है। शहर में अधिकांश हुक्का बार गुमाश्ता लाइसेंस से चल रहे है।
फ्लेवर वाले हुक्का नारकोटिक्स एक्ट में नहीं आते, क्योंकि उसमें तंबाखू नहीं होती, इसलिए कार्रवाई तगड़ी नहीं हो पा रही है। सार्वजनिक स्थल जैसे होटल, रेस्तरा, कैफे, शैक्षणिक संस्थान समेत निजी व सरकारी कार्यालयों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। जो धूम्रपान करते पाए जाते हैं, उनपर कोटपा एक्ट-2003 की धारा 4 व 6 के उल्लंघन के तहत मौके पर जुर्माना किया जाता है। हुक्के में यही कार्रवाई होती है। जुर्माना अधिकतम 200 रुपए है।