Rakhi Festival 2021: जेल में कैदी भाइयों से नहीं मिल पाई बहने, बहनों ने लिफाफे में भेजी राखी

Rakhi Festival 2021: जेल में कैदी भाइयों से नहीं मिल पाई बहने, बहनों ने लिफाफे में भेजी राखी

Rakhi Festival 2021: Sisters could not meet prisoner brothers in jail, sisters sent Rakhi in an envelope

Rakhi Festival 2021

रायपुर/नवप्रदेश। Rakhi Festival 2021: राखी का पर्व भाई-बहनों के बीच स्नेह का पर्व है। इस पर्व के लिए बहनें दूर-दूर से अपने भाई के घर पहुंचती हैं और भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं। ऐसे में जब कोई भाई किसी वजह से जेल में सजा काट रहा होता है तो बहनें भाई की कलाई सुनी न रहे इसलिए जेल पहुंचकर भाई की कलाई पर राखी जरूर बांधती है।

बीते 2 सालों से कैदी भाइयों की कलाई में राखी बांधने की परम्परा टूट गई है। कारण है कोरोना महामारी। इस महामारी ने बहनों को अपने कैदी भाई से रूबरू मिलने की एक तमन्ना को भी छीन लिया है। साल भर इंतजार के बाद बहने राखी के दिन जेल में बंद अपने-अपने कैदी भाइयों से मिलने बेताब रहती हैं।

इस बार भी जेल प्रबंधन ने कोरोना संक्रमण को देखते हुये जेलों में रक्षाबंधन (Rakhi Festival 2021) पर कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया। पिछली बार की तरह ही इस बार भी कैदी भाइयों के लिए बहने जेल जरूर पहुंची लेकिन भाई बहन की मुलाकात नहीं हो पाई। लेकिन भाई की कलाई सुनी न रहे इसलिए जेल विभाग ने जेल के बहार ही एक काउंटर लगाया था जिसमे बहनें अपने-अपने कैदी भाइयों के लिए राखी, टीका और चावल लिफाफे में दे कर लौट गई। जेल के बहार से ही अपने भाई के सुख समृद्धि के लिए बहन ने दुआ मांगी और जल्द जेल से भाई के छूटने का मन लेकर वापस घर लौट गई।

जेल एडीजी केके गुप्ता ने बताया कि रक्षाबंधन पर बहनों की काफी भीड़ हो जाती है और इस बार भी करना का साया है इसलिए भाई-बहनों को रूबरू मिलने की व्यवस्था को नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि बंदियों को उनकी बहनों से वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बात कराने की पूरी कोशिश की गई जिसमे कुछ बहनों ने अपने-अपने भाइयों से बात भी की है। वहीं पर्व पर स्थानीय बंदियों को अपनी बहनों से खिड़की के सामने खड़े हो कर मुलाकात करने दिया गया।

रायपुर सेंट्रल जेल में रविवार को बड़े ही दूर-दूर से बहने सैकड़ों की तादाद में कैदी भाइयों से मिलने पहुंची। जिसमे जबलपुर से भी एक वृद्ध महिला 17 वर्षों से बंदी अपने भाई से मिलने पहुंची थी लेकिन इस बहन को मायूस लौटना पड़ा। उसने बताया कि ये दूसरी बार है जब वह अपने बंदी भाई को राखी नहीं बांध पाई और पुरे तीन साल हो गए अपने भाई से भी नहीं मिल पाई। ऐसे ही कई बहनों के चेहरे पर भी मायूसी साफ झलकती हुई दिखाई दी। हालाँकि सभी बहनों ने माना कि कोरोना का खतरा है और उनके भाई जेल में ही सुरक्षित रहें इसलिए इसी भी बहन ने भाई से मिलने की जिद्द नहीं की। सभी बहन काउंटर में ही राखी छोड़ वापस घर लौट गई।

उल्लेखनीय है कि साल दर साल रक्षाबंधन (Rakhi Festival 2021) के दिन जेल में परंपरा है कि कैदी भाईयो को बहने राखी बांधने के लिए जेल आती हैं। इस मौके पर हजारों की संख्या में बहने अपने-अपने भाइयों से मिलने जेल पहुँचती हैं। जेल प्रशासन सुरक्षा के इंतजाम के साथ भाइ-बहनों को मिलने का समय भी देता है। लेकिन 2 साल से कोरोना संक्रमण के चलते जेल में रक्षाबंधन का आयोजन नहीं किया जा रहा है।

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