Rain Warning : मध्य छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर भारी बारिश चेतावनी |

Rain Warning : मध्य छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर भारी बारिश चेतावनी

Rain Warning : Heavy rain warning at many places in Central Chhattisgarh

Rain Warning

खंड वृष्टि और कम बारिश से कृषि मंत्री ने जताई चिंता, कहा- सूखे की आशंका

रायपुर/नवप्रदेश। Rain Warning : मानसून द्रोणिका का पश्चिमी छोर हिमालय की तराई में और पूर्वी छोर हरदोई, पटना, जमशेदपुर, पारादीप और उसके बाद दक्षिण-पूर्व की ओर पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक स्थित है। एक निम्न दाब का क्षेत्र पश्चिम-मध्य और उससे लगे उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी, तटीय उड़ीसा और तटीय आंध्र प्रदेश के ऊपर स्थित है इसके साथ उपरी हवा का चक्रवाती घेरा 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है।

17 अगस्त को बारिश की संभावना

मौसम विभाग के वैज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि एक निम्न दाब का क्षेत्र पश्चिम-मध्य (Rain Warning) और उससे लगे उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी, तटीय उड़ीसा और तटीय आंध्र प्रदेश के ऊपर मंडरा रहा है। हवा का चक्रवाती घेरा 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक फैला है। 17 अगस्त मंगलवार को इसका असर प्रदेश में देखने को मिलेगा। मौसम विभाग ने हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना व्यक्त की है। बारिश मध्य छत्तीसगढ़ के हिस्सों यानी दुर्ग, भिलाई, रायपुर, बेमेतरा, बालोद के इलाके में होगी। प्रदेश में गरज चमक के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा भी हो सकती है। प्रदेश में अधिकतम तापमान में गिरावट संभावित है। भारी वर्षा का क्षेत्र मुख्यत: मध्य छत्तीसगढ़ रहने की संभावना है।

रवींद्र चौबे को सूखे की आशंका

प्रदेश के कृषि मंत्री ने दुर्ग और बालोद (Rain Warning) जिले में कम बारिश की वजह से चिंता जाहिर की है। उन्होंने सोमवार को मीडिया से बात-चीत में कहा है कि प्रदेश में कई जिलों में खंड वर्षा हो रही है। इसकी वजह से सूखे की आशंका है। यह देखते हुए सिंचाई के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। 15 अगस्त के कार्यक्रम के बाद जन प्रतिनिधियों ने सीएम से मुलाकात की थी। सभी ने मुख्यमंत्री के सामने ये मांग रखी कि पानी की कमी की वजह से अब जलाशयों से पानी छोड़ा जाना बेहद जरूरी हो गया है। रविंद्र चौबे ने कहा कि दुर्ग और बालोद में बारिश कम हुई है।

गंगरेल बांध ज्यादा पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं

गंगरेल बांध में 39 प्रतिशत पानी ही है। हम काफी ज्यादा पानी छोडऩे की स्थिति में नहीं हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि मानसून का पूरा समय अभी बचा है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि बारिश होगी। अब सरकार ने तत्काल किसानों के खेतों में पानी पहुंचाने का फैसला लिया है। सोमवार को ही इस मसले पर रविंद्र चौबे ने सिंचाई विभाग के अफसरों के साथ बैठक ली। ये तय हुआ है कि पानी आज ही छोड़ा जाएगा। सोमवार शाम से ही नहरों को पानी बांधों से दिया जाएगा, ताकि फसलों को बचाया जा सके।

Rain Warning : Heavy rain warning at many places in Central Chhattisgarh

खरीफ फसलों की बुवाई अंतिम चरण में

राज्य में खरीफ फसलों की बुआई (Rain Warning) अंतिम चरण की ओर है। कृषि विभाग से मिली रिपोर्ट के अनुसार धान, अन्य अनाज के फसलों सहित तिलहन और साग-सब्जी की बुआई 40 लाख 71 हजार 560 हेक्टेयर में हो चुकी है, जो कि चालू खरीफ सीजन के लिए निर्धारित बोआई के लक्ष्य का 84 प्रतिशत है।

प्रदेश में अब तक की बुआई

  • 33 लाख 68 हजार हेक्टेयर में धान।
  • 2 लाख 54 हजार 820 हेक्टेयर में अन्य अनाज।
  • 2 लाख 27 हजार 990 हेक्टेयर में दलहन
  • एक लाख 21 हजार 480 हेक्टेयर में तिलहनी।
  • 99 हजार 270 हेक्टेयर रकबे में साग-सब्जी एवं अन्य फसलों की बुआई पूरी।
  • सबसे अधिक सुकमा तो सबसे कम बालोद।
  • प्रदेश में बारिश का रिकार्ड देखें, तो 1 जून से अब तक राज्य में 655.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। इसमें सुकमा जिले में सर्वाधिक 1027.2 मिमी और बालोद जिले में सबसे कम 431.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।

प्रमुख जिलों का अब तक का औसत बारिश का रिकॉर्ड

  • सरगुजा में 566.6 मिमी
  • जशपुर में 690.3 मिमी
  • रायपुर में 553.9 मिमी
  • महासमुंद में 529.8 मिमी
  • धमतरी में 537.7 मिमी
  • बिलासपुर में 706.7 मिमी
  • रायगढ़ में 572.9 मिमी
  • जांजगीर चांपा में 659.4 मिमी
  • कोरबा में 962.8 मिमी
  • गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 730.2 मिमी
  • दुर्ग में 569.4 मिमी
  • कबीरधाम में 510.8 मिमी
  • राजनांदगांव में 468.8 मिमी
  • बेमेतरा में 751.2 मिमी
  • बस्तर में 607.4 मिमी
  • कोण्डागांव में 625 मिमी
  • कांकेर में 538.2 मिमी
  • नारायणपुर में 761.3 मिमी
  • दंतेवाड़ा में 651 मिमी
  • और बीजापुर में 734.8 मिमी

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