CG Agriculture Development : एक बार फिर फहराया परचम…
कोरिया देश के सर्वश्रेष्ठ कृषि विज्ञान केंद्र के रूप में सम्मानित
रायपुर/नवप्रदेश।CG Agriculture Development : छत्तीसगढ़ ने कृषि विकास के क्षेत्र में एक बार फिर अपना परचम लहराया है। इंदिरा गांधी कृषि विश्विद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया को भारत सरकार द्वारा देश के सर्वश्रेष्ठ कृषि विज्ञान केन्द्र के रूप में पुरस्कृत किया गया है। कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया को छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी के प्रभावी क्रियान्वयन तथा कृषकों में उद्यमिता विकास के लिए सम्मानित किया गया है।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के 93वें स्थापना दिवस के अवसर पर शुक्रवार को कृषि भवन नई दिल्ली में (CG Agriculture Development) आयोजित सम्मान समारोह में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया को कृषि विज्ञान केन्द्र पिपराकोठी, बिहार, कृषि विज्ञान केन्द्र कलबुर्गी, कर्नाटक तथा कृषि विज्ञान केन्द्र धार, मध्यप्रदेश के साथ देश भर में संचालित 722 कृषि विज्ञान केन्द्रों में सर्वश्रेष्ठ कृषि विज्ञान केन्द्र के रूप में कृषि विज्ञान राष्ट्रीय प्रोत्साहन पुरस्कार-2020 से सम्मानित किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय पशुधन विकास मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चैधरी एवं सुश्री शोभा करंदलाजे तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा, उपमहानिदेशक डॉ. ए.के. सिंह उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ शासन की कृषि उत्पादन आयुक्त एम.गीता, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान जबलपुर के निदेशक डॉ. एस.आर.के. सिंह, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटिल एवं निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एस.सी. मुखर्जी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे। कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. रंजीत सिंह राजपूत ने यह पुरस्कार वर्चुअल माध्यम से ग्रहण किया।
चौथी बार राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित
उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्रों को चौथी बार राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। इसके पूर्व कृषि विज्ञान केन्द्र बस्तर, दंतेवाड़ा तथा कांकेर को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है।
नरवा, गरुवा, घुरवा, बारी योजना के क्रियान्वयन हेतु पुरस्कृत
कृषि विज्ञान केन्द्र, कोरिया को यह सम्मान छत्तीसगढ़ शासन की (CG Agriculture Development) महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी के प्रभावी क्रियान्वयन, कृषकों को संगठित कर किसान उत्पादक संगठन (कोरिया एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड) की स्थापना, जिले में 55 एकड़ में गौठान ग्रामों में चारागाह विकास कार्यक्रम, नवोन्मेषी कृषि, उद्यानिकी एवं संबंधित गतिविधियों में सिंदूर हर्बल पावडर, लेमनग्रास चायपत्ती, शकरकंद आटा, हल्दी, नीलगिरी एवं सौंफ की पत्तियों व टहनियों से सुगंध तेल निष्कासन एवं गौठान ग्रामों में सौंप की खेती का सफल प्रदर्शन, शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आदिवासी कृषकों का समूह बनाकर मधुमक्खी पालन एवं दलहन तथा तिलहन फसलों की उन्नत प्रजातियों का कल्स्टर प्रदर्शन, छत्तीसगढ़ में किसानों की आय बढ़ाने हेतु विभिन्न फसलों के प्रसंस्करण एवं विपणन आदि नवोन्मेषी कार्यों के सफल क्रियान्वयन के लिए दिया गया है।
‘कोरिया एग्रोप्रोड्यूसर’ कंपनी ने किया 42 लाख का कारोबार
कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया द्वारा कृषकों को संगठित कर किसान उत्पादक संगठन ‘कोरिया एग्रोप्रोड्यूसरÓ नामक कम्पनी बनाई गई, जो 22 कृषि आधारित उत्पादों का निर्माण, प्रसंस्करण एवं विपण कर रही है। 573 कृषक सदस्यों वाली इस कम्पनी ने इस वर्ष 42 लाख रूपये का व्यवसाय किया है। इस किसान उत्पादक संगठन में 72 प्रतिशत सदस्य आदिवासी कृषक हैं।
जिला प्रशासन कोरिया (CG Agriculture Development) के वित्तीय सहयोग से कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया के तकनीकी मार्गदर्शन में किसान उत्पादक संगठन के लिए प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन उत्पादों हेतु दुग्ध प्रसंस्करण, सगंध तेल निष्कासन हेतु भाप संयंत्र, दाल मिल, राईस मिल, खाद्य तेल मिल, सगंध अगरबत्ती निर्माण मशीन की स्थापना कर 20-25 उत्पाद मानक आधार पर तैयार कराकर विपणन के लिए खादी इंडिया, ट्राईफेड इंडिया, हस्त शिल्प विकास बोर्ड, खादी ग्रामोद्योग इत्यादि को उपलब्ध कराया जा रहा है।
इस तरह के कर रहे है काम
- महिला समूहों की आजीविका उन्नयन हेतु केन्द्र द्वारा हस्त निर्मित सगंध साबुन एवं सगंध अगरबत्ती निर्माण एवं विपण का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
- कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा जिले के किसानों को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना एवं मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत निरंतर व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
- नवोन्मेषी कृषि, उद्यानिकी एवं संबंधित गतिविधियों में सिंदूर हर्बल पावडर, लेमनग्रास चायपत्ती, शकरकंद आटा, हल्दी, नीलगिरी एवं सौंफ की पत्तियों व टहनियों से सगंध तेल निष्कासन एवं गौठान ग्रामों में सौंफ की खेती का प्रदर्शन किया जा रहा है।
- जिला प्रशासन-कोरिया के मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया द्वारा 55 एकड़ में गौठान ग्रामों में चारागाह विकास कार्यक्रम के अंतर्गत चारा फसलों की उन्नत किस्मों जैसे-नेपियर, बहुवर्षीय ज्वार का प्रार्दश प्रक्षेत्र स्थापित किया गया।
- गौठान ग्रामों में नगदी फसलों को बढ़ावा देने के लिए 35 एकड़ में हल्दी की उन्नत प्रजातियां जैसे-रोमा, बी.एस.आर-2 एवं रश्मि का प्रदर्शन प्रक्षेत्र स्थापित किया गया है।
- कृषकों की सामूहिक बाडिय़ों का चयन कर 75 एकड़ में ड्रिप पद्धति से फलदार मातृवाटिका तैयार कर अन्र्तवर्तीय खेती के रुप में सामूहिक बाडिय़ों में फसल विविधकरण के अंतर्गत 40-50 एकड़ में पड़त भूमि विकास के अंतर्गत लेमनग्रास, खस, पामारोजा, सिट्रोनेला एवं शकरकन्द इत्यादि का रोपण कर पड़त भूमि की फसल सघनता को 300 प्रतिशत तक आंका गया।
- केन्द्र द्वारा बाड़ी विकास कार्यक्रम में सब्जियों की उन्नत प्रजाति सह फलदार पौध रोपण का तकनीकी प्रदर्शन 200 बाडिय़ों में क्रियान्वित किया गया।
- घुरवा प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए आदिवासी कृषक समूह द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया एवं मनरेगा से 100 केचुआ टांका की स्थापना कर केचुआ खाद, वर्मीवाष एवं केचुआ का विक्रय किया गया।
- वैज्ञानिकों द्वारा गौठान ग्रामों में महिला समूह को गुणवत्ता युक्त केचुआ एवं खाद उत्पादन, केचुआ उत्पादन का प्रशिक्षण एवं तकनीकी मार्गदर्शन निरंतर प्रदान किया जा रहा है।