अब देश में पहली बार बांबू के फ्रेंडशिप बैंड
Bamboo Friendship Band: ग्रामीण महिला ने किया प्रयोग-देश और दुनिया में हो चुकी है मशहूर
चंद्रपूर। Bamboo Friendship Band: प्रतिनिधीहर वर्ष अगस्त के पहले सप्ताह में फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है। इस समय फ्रेंडशिप बैंड (मैत्री बंध) बांधने की परंपरा है। अब तक रबर, धातु या उनी धागे के ही फ्रेंडशिप बैंड उपलब्ध थे। परंतु देश की विश्व विख्यात बांबू डिज़ाइनर मीनाक्षी मुकेश वालके ने इस वर्ष के फ्रेंडशिप डे के लिए बांस (बांबू) के फ्रेंडशिप बैंड डिजाईन किए है।
देश ही नहीं दुनिया में ऐसे शुद्ध इको फ्रेंडली बांबू फ्रेंडशिप बैंड (Bamboo Friendship Band) पहली बार बने है। रबर और प्लास्टिक के फ्रेंडशिप बैंड दशकों से बनाएं जाते रहे है। भारत समेत दुनिया के 18 से ज्यादा देशों में फ्रेंडशिप बैंड का चलन है। इससे प्रदुषण की समस्या भी होती रही है। करोड़ों की मात्रा में इसका वेस्ट (गैर उपयोगी सामग्री) जमा होती रही है।
समय के साथ ऐसे डिजाईन के पर्यावरण पूरक विकल्प भी तलाशे जाते रहे है। ऐसी ही सोच से ये बांबू के इको फ्रेंडली फ्रेंडशिप बैंड बनाएं जाने की जानकारी, श्रीमती मीनाक्षी मुकेश वालके ने दी।मीनाक्षी जी ने ब्यूटी कॉन्टेस्ट के लिए बांबू के क्राउन डिजाइन किए थे। उनकी राखी पूरे देश में प्रसिद्ध है। उन्होंने मैराथन मेडल और मोमेंटो भी डिजाईन किया था।
कैंडल स्टैंड भी बनाया था। बांबू की ज्वेलरी भी उन्होंने महिला-युवतियों तक पहुंचाई। इसके अलावा अलग अलग प्रकार के लैंप शेड के डिजाईन भी उन्होंने की है। अभी बांबू टूथ ब्रश को महाराष्ट्र में लोकप्रियता दिलाने का काम भी वह कर रही है।फ्रेंडशिप बैंड वास्तव में मैत्री, लोक कला और सामाजिक दायित्व भावना का प्रतीक माना जाता है।
इसमें रंग तथा धागे की गठान का अपना महत्व है। बांबू से की गई डिजाईन में इसकी सुंदरता निखरने के साथ नयापन और पेड़ पौधों समेत पर्यावरण के प्रति भी दोस्ती की भावना बढ़ने का संदेश होगा। श्रीमती मीनाक्षी जी ने बताया कि प्लास्टिक तथा अन्य हानिकारक सामग्री से परहेज़ कर प्रकृति से जुड़ने के लिए वे युवा पीढ़ी को जागरूक करना चाहती है।