Farmer Suicide: पटवारी ने पर्ची बनाने लिए 5,000 छह माह तक घूमाता रहा किसान को, तंग आकर कर ली आत्महत्या…

Farmer Suicide: पटवारी ने पर्ची बनाने लिए 5,000 छह माह तक घूमाता रहा किसान को, तंग आकर कर ली आत्महत्या…

Farmer Suicide, Patwari roamed 5000 farmers for six months, to make a slip, fed them by committing suicide,

Farmer Suicide

तखतपुर। Farmer Suicide: पटवारी द्वारा पैसा लेने के बावजूद पर्ची बनाकर नहीं देने और समय पर जमीन की रजिस्ट्री नहीं होने पर कृषक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कृषक ने सुसाइड नोट में अपने मरने का कारण पटवारी को बताया है ।

पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार तखतपुर थाना अंतर्गत ग्राम राजा कापा निवासी छोटू राम कैवर्त पिता स्वर्गीय पंचराम कैवर्त (Farmer Suicide) ने जमीन बिक्री के लिए पर्ची बनाने के लिए पटवारी के पिछले 6 माह से चक्कर काटा था।

इसके लिए पटवारी ने 5000 पर्ची बनाने के लिए छोटू से लिए भी थे पर मार्च क्लोजिंग के समय उसे रजिस्ट्री करवाना था पर समय पर वह रजिस्ट्री नहीं करा पाया और तंग आकर उसने आज सुबह फांसी (Farmer Suicide) लगाने का फैसला लिया और सुबह 5:00 बजे घर से निकल कर अपने बाड़ी में कृषक में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

थोड़ी देर बाद जब उसकी पत्नी 5:00 बजे चाय लेकर आए तो देखिए कि उसका पति गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या (Farmer Suicide) कर लिया है उसने अपने सामान रखने वाले केरेट में एक सुसाइड नोट लिखा है जिसमें लिखा है कि वह पटवारी से तंग आ गया था और 5000 लेने के बावजूद उसके काम नहीं कर रहा था जब वही साथी ने बताया कि वह छोटू के साथ 5000 देने पटवारी को गया था।

Farmer Suicide

बहन और मां का ख्याल रखना

मृतक ने सुसाइड नोट (Farmer Suicide) में लिखा है कि वह पटवारी से तंग आ गया था और पैसे लेने के बावजूद काम नहीं कर रहा था । बार-बार चक्कर लगाने से तंग आ गया था इस बात से दुखी होकर वह फांसी लगा रहा है। ईहलीला समाप्त करते वक्त छोटूराम को अपने परिवार की भी चिंता सता रही थी उसने अपने परिवार बेटे से कहा है कि उसके मरने के बाद वह अपनी मां और बहन का ख्याल रखें ।

अंत में लिखा जय श्री राम

कृषक ने फांसी लगाने से पहले पटवारी के से प्रताडि़त होना और पैसे लेकर काम ना करना ऐसे तो लिखा ही है और उसने पत्र में अंत में यह भी लिखा है कि वह पटवारी से काफी तंग आ गया था और उसने पत्र के अंत में जय श्री राम लिख कर अपना जीवन श्री राम को समर्पित कर दिया।

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