CG के किसानों का कंडेल नहर सत्याग्रह सविनय अवज्ञा आंदोलन का सबसे अच्छा उदाहरण: भूपेश
–मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रथम रायपुर आगमन के शताब्दीव वर्ष समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से किया संबोधित
रायपुर । cm Bhupesh Baghel: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रथम रायपुर आगमन के शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन सहित हर युग में छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ के महापुरूषों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए सविनय अवज्ञा आंदोलन का सबसे अच्छा उदाहरण छत्तीसगढ़ के किसानों का कंडेल नहर सत्याग्रह है। मुख्यमंत्री (cm Bhupesh Baghel) ने राजधानी रायपुर के महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर में आयोजित इस शताब्दी समारोह को अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया।
उल्लेखनीय है कि कंडेल के किसानों पर ब्रिटिश हुकूमत ने जुर्माना लगाया था, जिसको पटाने से किसानों ने इंकार कर दिया था। ब्रिटिश हुकूमत द्वारा किसानों के मवेशियों की नीलामी कर जुर्माना वसूलने का प्रयास किया, लेकिन कंडेल नहर सत्याग्रह के नेताओं के आव्हान पर लोगों ने नीलामी में मवेशियों को खरीदने से इंकार कर दिया था।
कंडेल नहर सत्याग्रह के अग्रणी नेता बाबू छोटे लाल श्रीवास्तव के आग्रह पर महात्मा गांधी 20 दिसम्बर 1920 को छत्तीसगढ़ आए थे। महात्मा गांधी के आने की खबर मिलने पर ब्रिटिश हुकूमत ने किसानों पर लगाया गया जुर्माना हटा दिया था। यह सविनय अवज्ञा आंदोलन की पहली बड़ी जीत थी।
मुख्यमंत्री (cm Bhupesh Baghel) ने इस अवसर पर कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जब भी कही आगमन होता था तो इसका असर सम्पूर्ण समाज पर पड़ता था। छत्तीसगढ़ के आदिवासियों ने बापू से प्रेरणा लेकर जंगल सत्याग्रह शुरू किया।
छत्तीसगढ़ के हजारों नौजवान नौकरी छोड़कर स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े थे। हजारों लोगों ने जेल यात्राएं की। अछूतोद्धार की लड़ाई छत्तीसगढ़ से शुरू हुई। राष्ट्रपिता ने आजादी के आंदोलन के साथ-साथ समाज की कुरीतियों और विसंगतियों को दूर करने पर भी जोर दिया था।
उन्होंने स्वच्छता, स्वावलंबन, आत्मनिर्भरता और ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना की थी। महात्मा गांधी कहा करते थे कि भारत गांवों में बसता है, गांव भारत की आत्मा है।