पाकिस्तान को छोड़कर सभी SAARC देशों ने मांगा AIIMS Raipur का सहयोग

पाकिस्तान को छोड़कर सभी SAARC देशों ने मांगा AIIMS Raipur का सहयोग

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-एम्स की सफलता मंत्र को अपने अस्पताल में प्रयोग करने का दिया आश्वासन
-एम्स ने प्रशिक्षण और ज्ञान का आदान-प्रदान करने का दिया भरोसा
-वेबीनार में सार्क के सात देशों के 147 प्रतिनिधियों ने लिया भाग

रायपुर/नवप्रदेश। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के विभिन्न देशों (Different countries) के साथ सहयोग बढ़ाने (help Enhance) और उनके साथ स्वयं के अनुभव बांटने के उद्देश्य से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर (AIIMS Raipur) ने शुक्रवार को वेबीनार के माध्यम से सार्क देशों के 147 चिकित्सकों (147 practitioners from SAARC countries)के साथ संवाद किया। इस अवसर पर उन्हें कोविड-19 (corona virus) के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए तकनीकी और चिकित्सकीय जानकारियां प्रदान की गई।

50 वर्ष से कम आयु के ज्यादा प्रभावित

निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने वेबीनार के उद्घाटन सत्र में कोविड-19 की चीन के वुहान में शुरूआत से लेकर इसके फैलने और वर्तमान में दुनियाभर के देशों में चल रहे लॉकडाउन (lockdown) के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उनका कहना था कि 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में यह ढाई गुना अधिक हानिकारक है। विभिन्न सुरक्षा उपायों को अपनाकर इससे बचाव ही सबसे प्रभावकारी इलाज है। उन्होंने कोविड-19 (corona virus) के केसों की व्याख्या प्रस्तुत की और इससे बचने के लिए अपनाए जा रहे उपायों के बारे में बताया।

भारत से सीखने की जरूरत : सार्क देश

सार्क के चिकित्सकों ने भारतीय चिकित्सकों के प्रयासों की सराहना की और एम्स रायपुर से नेतृत्व और सहयोग का अनुरोध किया। सार्क देशों के चिकित्सकों का कहना था कि भारत ने लॉकडाउन और चिकित्सकीय सहायता की मदद से कोविड-19 पर काफी नियंत्रण किया हुआ है जिससे अन्य देशों को भी सीखना चाहिए। प्रो. नागरकर ने एम्स रायपुर की ओर से सभी सार्क देशों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया और लैब प्रेक्टिस एवं मरीजों के प्रबंधन के बारे में और अधिक जानकारी देने का भरोसा दिलाया।

पाकिस्तान को छोड़कर सभी सार्क देशों ने लिया भाग

इसमें पाकिस्तान को छोड़कर शेष सभी सार्क देशों 147 चिकित्सकों ने भाग लिया। अंत में 27 प्रतिभागियों ने प्रो. नागरकर से प्रश्नों के माध्यम से अपनी जिज्ञासाएं शांत की। सार्क देशों के अलावा इसमें आस्ट्रेलिया, पेरू और दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

वेबीनार 21 अप्रैल तक चलेगा

कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय विदेश मंत्रालय द्वारा किया गया। इसका संयोजन डॉ. एकता खंडेलवाल ने किया। इस अवसर पर उप-निदेशक (प्रशासन) नीरेश शर्मा, प्रो. अजॉय कुमार बेहरा और डॉ. अनुदिता भार्गव भी उपस्थित थी। वेबीनार 21 अप्रैल तक चलेगा जिसमें प्रो. बेहरा और डॉ. भार्गव भी अपने अनुभवों को सार्क देशों के चिकित्सकों के साथ साझा करेंगे।

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