President Award Handicraft : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों हीराबाई झरेका बघेल राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार से सम्मानित

President Award Handicraft

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने छत्तीसगढ़ की प्रतिभाशाली धातुकला शिल्पकार हीराबाई झरेका बघेल को उनकी उत्कृष्ट कलात्मक उपलब्धियों के लिए राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार (President Award Handicraft) से सम्मानित किया है। यह सम्मान देशभर के पारंपरिक शिल्पकारों को समर्पित है और छत्तीसगढ़ की धातुकला कला को वैश्विक पहचान दिलाने में उनके योगदान की आधिकारिक स्वीकृति भी है।

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय हस्तशिल्प समारोह में यह सम्मान प्रदान किया गया, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने की तथा राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल ने इस उपलब्धि पर हीराबाई झरेका बघेल को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी विशिष्ट कला साधना और धैर्यपूर्ण समर्पण से छत्तीसगढ़ की गौरवशाली धातुकला परंपरा को सम्मानित किया है।

उनके कार्यों ने न केवल प्रदेश को राष्ट्रीय पहचान दिलाई है बल्कि युवा कलाकारों को भी प्रेरणा दी है कि वे अपनी पारंपरिक कला और तकनीकों को आगे बढ़ाएँ (National Handicraft Recognition)।

मंत्री अग्रवाल ने आगे कहा कि संस्कृति विभाग शिल्पकारों को तकनीकी प्रशिक्षण, मंच और वित्तीय सहयोग प्रदान करता रहेगा ताकि वे अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी कला को सशक्त रूप से स्थापित कर सकें। विभाग का लक्ष्य है कि प्रदेश की धातुकला, बेलमेटल व अन्य पारंपरिक हस्तकला को संरक्षित करते हुए युवाओं को आजीविका और रोजगार उपलब्ध कराया जाए।

संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम, प्रदर्शनियां, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प एक्सपो के माध्यम से शिल्पकारों को सहयोग देने का क्रम लगातार जारी है। राज्य सरकार का मानना है कि इस उपलब्धि ने छत्तीसगढ़ के शिल्पकारों (Handicraft Artist Honour) का मनोबल बढ़ाया है और यह सम्मान प्रदेश की कला-परंपरा के विस्तार में सेतु की तरह कार्य करेगा ।

हीराबाई झरेका को प्राप्त यह राष्ट्रीय पुरस्कार न केवल उनके व्यक्तिगत योगदान की मान्यता है, बल्कि यह संदेश भी है कि परंपरा, शिल्प कौशल और सांस्कृतिक धरोहर आधुनिक समय में भी उतनी ही महत्वपूर्ण और प्रभावशाली है जितनी सदियों से रही है। इस सम्मान के बाद प्रदेश के युवा कलाकारों में उत्साह बढ़ा है और वे भी अपनी कला यात्रा को आगे बढ़ाने हेतु प्रेरित हुए हैं।