Guru Tegh Bahadur Martyrdom : धर्म और बलिदान का प्रतीक…गुरु तेगबहादुर जी की 350वीं शहादत शताब्दी पर नगर कीर्तन में शामिल हुए मुख्यमंत्री…

Guru Tegh Bahadur Martyrdom : धर्म और बलिदान का प्रतीक…गुरु तेगबहादुर जी की 350वीं शहादत शताब्दी पर नगर कीर्तन में शामिल हुए मुख्यमंत्री…

Guru Tegh Bahadur Martyrdom

Guru Tegh Bahadur Martyrdom

Guru Tegh Bahadur Martyrdom : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर के सेरीखेड़ी में गुरु  तेगबहादुर सिंह जी की 350वीं शहादत शताब्दी के अवसर पर आयोजित नगर कीर्तन यात्रा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि गुरु  तेगबहादुर सिंह जी ने देश और धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। यह हमारा सौभाग्य है कि आज छत्तीसगढ़ की धरती पर आयोजित कीर्तन यात्रा का दर्शन कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री साय ने गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेककर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी की अगुवाई कर रहे पंच प्यारों का सम्मान भी किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को पवित्र सिरोपा और कृपाण भेंट की गई।

मुख्यमंत्री (Guru Tegh Bahadur martyrdom) ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिए बड़े सौभाग्य और गर्व का विषय है। आज हम नगर कीर्तन यात्रा के दर्शन कर रहे हैं, जो गुरु तेगबहादुर जी की 350वीं शहादत शताब्दी के अवसर पर असम के गुरुद्वारा धुबरी साहिब से प्रारंभ होकर देश के अनेक स्थानों से होते हुए छत्तीसगढ़ पहुँची है। लगभग 10 हजार किलोमीटर की यात्रा तय कर यह नगर कीर्तन यहां पहुँचा है। हमारे प्रदेशवासियों के लिए यह ऐतिहासिक क्षण और पुण्य अवसर है कि हमें इस यात्रा का स्वागत करने और इसमें भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि गुरु तेगबहादुर जी की शहादत के बारे में हम सभी भलीभांति जानते हैं। वे मुगलों के सामने कभी नहीं झुके और अपने धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। आज भी दिल्ली के चांदनी चौक स्थित गुरुद्वारा शीशगंज साहिब गुरु तेगबहादुर जी की शहादत का अमर प्रतीक है। हम गुरु तेगबहादुर जी को नमन करते हैं।

मुख्यमंत्री (Guru Tegh Bahadur martyrdom) ने आगे कहा कि सिख धर्म के दसवें गुरु  गुरु गोविंद सिंह जी के चारों साहिबजादों की शहादत भी अद्वितीय है। साहिबजादों ने मुगलों के सामने झुकने के बजाय धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी ने साहिबजादों की इस वीरता को नमन करते हुए हर वर्ष 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी वीर बाल दिवस को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है।

इस अवसर पर विधायक  सुनील सोनी, सीएसआईडीसी के अध्यक्ष  राजीव अग्रवाल, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष  अमरजीत सिंह छाबड़ा, छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष  संजय वास्तव, छत्तीसगढ़ नि:शक्तजन वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष  लोकेश कांवड़िया, छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष मती वर्णिका शर्मा, पूर्व विधायक  कुलदीप जुनेजा, डॉ. पूर्णेन्दु सक्सेना,  बलदेव सिंह भाटिया,  गुरचरण होरा, गुरुद्वारा कमेटियों के प्रमुखजन सहित बड़ी संख्या में सिख धर्म (Guru Tegh Bahadur martyrdom) के अनुयायी एवं गणमान्यजन उपस्थित थे।

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