Shilpa Shetty Raj Kundra Fraud Case : शिल्पा शेट्टी-राज कुंद्रा पर 60 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप, मुंबई पुलिस ने जारी किया लुकआउट नोटिस

Shilpa Shetty Raj Kundra Fraud Case : शिल्पा शेट्टी-राज कुंद्रा पर 60 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप, मुंबई पुलिस ने जारी किया लुकआउट नोटिस

Shilpa Shetty Raj Kundra Fraud Case

Shilpa Shetty Raj Kundra Fraud Case

Shilpa Shetty Raj Kundra Fraud Case : बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और उनके पति बिजनेसमैन राज कुंद्रा की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने उन पर ₹60.48 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी कर दिया है।

अधिकारियों के मुताबिक, दंपति की लगातार विदेश यात्राओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया, ताकि जांच प्रभावित न हो। इसी बीच जहां दोनों ने हाल ही में अपने रेस्टोरेंट को बंद करने का ऐलान किया, वहीं राज कुंद्रा अपनी अपकमिंग फिल्म के प्रमोशन में भी व्यस्त नज़र आ रहे हैं।

क्या है पूरा मामला?

शिकायतकर्ता दीपक कोठारी (60), डायरेक्टर – लोटस कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने आरोप लगाया कि राज कुंद्रा और उनकी कंपनी बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड ने उन्हें निवेश(Shilpa Shetty Raj Kundra Fraud Case) का लालच दिया।

2015 में कोठारी ने दो किश्तों में रकम ट्रांसफर की –

अप्रैल में ₹31.95 करोड़

सितंबर में ₹28.53 करोड़

वादा किया गया था कि हर महीने रिटर्न और मूलधन वापस मिलेगा। लेकिन 2016 में शिल्पा शेट्टी ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया और निवेशक को कोई रिफंड(Shilpa Shetty Raj Kundra Fraud Case) नहीं मिला।

बाद में खुलासा हुआ कि कंपनी पहले से ही धोखाधड़ी के आरोपों और दिवालिया कार्यवाही (NCLT केस) में फंसी हुई थी।

किन धाराओं में केस दर्ज?

मुंबई पुलिस ने शिल्पा और राज कुंद्रा पर IPC की गंभीर धाराएं लगाई हैं:

धारा 403: बेईमानी से संपत्ति का गबन

धारा 406: आपराधिक विश्वासघात

धारा 34: साझा आपराधिक मंशा

शिल्पा-राज कुंद्रा का बचाव

कपल(Shilpa Shetty Raj Kundra Fraud Case) के वकील प्रशांत पाटिल ने आरोपों को निराधार और दुर्भावनापूर्ण बताया।
उनका कहना है कि:-

यह मामला सिर्फ पुराने वित्तीय लेन-देन से जुड़ा है।

बेस्ट डील टीवी को पहले ही परिसमापन आदेश मिल चुका है।

सभी ऑडिट रिपोर्ट, कैश फ्लो स्टेटमेंट और लीगल डॉक्यूमेंट्स समय-समय पर EOW को दिए जा चुके हैं।

यह एक इक्विटी इन्वेस्टमेंट का मामला था, कोई आपराधिक धोखाधड़ी नहीं।

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