Gujarat High Court beer incident : कोर्टरूम नहीं, कॉफी शॉप समझ बैठे वरिष्ठ वकील…! हाई कोर्ट में बीयर पीने की हरकत पर अवमानना की कार्यवाही शुरू…

Gujarat High Court beer incident : कोर्टरूम नहीं, कॉफी शॉप समझ बैठे वरिष्ठ वकील…! हाई कोर्ट में बीयर पीने की हरकत पर अवमानना की कार्यवाही शुरू…

गुजरात, 2 जुलाई। Gujarat High Court beer incident : गुजरात हाई कोर्ट में 25 जून को एक डिजिटल सुनवाई के दौरान एक वरिष्ठ अधिवक्ता भास्कर तन्ना की हरकत ने पूरे न्यायिक तंत्र को झकझोर दिया। सुनवाई के दौरान वह वीडियो कॉल पर फोन पर बात करते और बीयर मग से घूंट लेते हुए नज़र आए — और यह पूरा वाकया रिकॉर्ड होकर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

अदालत का सख्त रुख:

न्यायमूर्ति ए. एस. सुपेहिया और आर. टी. वच्छानी की खंडपीठ ने मामले को अत्यंत गंभीर और अनुचित करार देते हुए कहा:

“यह आचरण सिर्फ एक व्यक्ति की गलती नहीं, बल्कि पूरी न्यायपालिका की गरिमा पर चोट है। यदि यह नजरअंदाज किया गया, तो कानून का शासन खोखला हो (Gujarat High Court beer incident)जाएगा।”

वीडियो हुआ वायरल:

जिस तरह से यह वीडियो सोशल मीडिया पर फैला, उससे आम लोगों से लेकर कानूनी विशेषज्ञों तक ने गंभीर सवाल उठाए —

क्या डिजिटल कोर्ट की गरिमा बनाए रखने के लिए सख्त कोड की ज़रूरत है?

क्या यह वकील की “वरिष्ठता” के मानदंडों पर सवाल नहीं है?

वरिष्ठ वकील की उपाधि छिन सकती है:

अदालत ने संकेत दिया कि अगर जांच में दोष सिद्ध हुआ, तो भास्कर तन्ना से वरिष्ठ अधिवक्ता का दर्जा वापस लिया जा सकता (Gujarat High Court beer incident)है। साथ ही, अवमानना की कार्यवाही में सजा का भी प्रावधान संभव है।

क्या कहा अदालत ने?

“अगर हमने इसे नजरअंदाज किया, तो अगली पीढ़ी की न्याय प्रणाली के लिए यह मिसाल बन जाएगी — और वो मिसाल घातक होगी।”

विश्लेषण:

यह घटना सिर्फ एक लापरवाही नहीं, बल्कि डिजिटल दौर में पेशेवर अनुशासन की परीक्षा है। जहां एक ओर देश ई-कोर्ट्स और वर्चुअल सुनवाई की ओर बढ़ रहा (Gujarat High Court beer incident)है, वहीं यह घटना डिजिटल शिष्टाचार और कोर्ट एथिक्स पर नए सवाल खड़े करती है।

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