OBC Rights India : ओबीसी को मिला न्याय…लेकिन अधूरा…! 27% आरक्षण की लड़ाई अब और तेज़…

सिंगरौली, 23 जून। OBC Rights India : एक ऐतिहासिक फैसले ने ओबीसी वर्ग को राहत दी है, लेकिन यह राहत अधूरी मानी जा रही है। वर्षों से अनदेखी झेल रहे ओबीसी उम्मीदवारों के लिए अब कोल इंडिया की एक शाखा ने आरक्षण बढ़ाकर 25% कर दिया है। पर सवाल यह है कि जब पूरा देश बराबरी के सपने देख रहा है, तो 27% का हक सिर्फ कागजों में क्यों?
सिंगरौली स्थित नॉर्दर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड (NCL) की भर्तियों में तीन दशकों से ओबीसी आरक्षण कटौती का मामला सुर्खियों में रहा है। लगातार संघर्षों और मांगों के बाद अब जाकर 15% से बढ़ाकर 25% आरक्षण लागू किया (NCL Singrauli Recruitment)गया। लेकिन यह अब भी केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए 27% मानक से कम है।
बैकवर्ड क्लास कोल एम्प्लॉईज़ वेलफेयर एसोसिएशन और अपाक्स संगठन ने इस ‘आंशिक न्याय’ पर असंतोष जाहिर किया (NCL Singrauli Recruitment)है। उनका कहना है कि जब चयन प्रक्रिया राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है, तो राज्य का नहीं बल्कि केंद्र का आरक्षण मानक लागू होना चाहिए।
सवाल उठते हैं:
जब उम्मीदवार पूरे भारत से बुलाए जा रहे हैं, तो फिर 27% का केन्द्रीय आरक्षण क्यों नहीं?
क्या 2% की यह कटौती सिर्फ आंकड़ों का खेल है या फिर सामाजिक न्याय से खिलवाड़?
मूल मुद्दा केवल संख्या का नहीं, समानता के अधिकार का है–
इस संघर्ष को अब ‘आरक्षण के प्रतिशत’ से आगे ले जाकर ‘संवैधानिक अधिकारों’ के तौर पर देखा जा रहा (NCL Singrauli Recruitment)है। कोल इंडिया को अब स्पष्ट निर्णय लेना होगा कि वह सामाजिक न्याय के साथ है या औपचारिकता के आंकड़ों के साथ।