संपादकीय: महिला वोटरों को साधने की कवायद

An effort to woo women voters
An effort to woo women voters: देश की आधी आबादी कही जाने वाली महिलाओं के वोट बटोरने के लिए राजनीतिक पार्टियों के बीच प्रतिपस्पर्धा चल रही है। आम आदमी पार्टी की मुफ्तखोरी को बढ़ावा देने वाली घोषणाओं का असर यह हुआ है कि सभी राजनीतिक दल फ्री रेवड़ी कल्चर को आगे बढ़ाने पर बाध्य हो गये हैं। महिला वोटरों को लुभाने के लिए उन्हें हर माह एक हजार रूपये से ढाई हजार रूपये तक सम्मान निधि देने का फॉमूला राजनीतिक पार्टियों के लिए सत्ता के सिघासन पर पहुंचाने में बेहद कारगर सिद्ध हो रहा है।
नई दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान महिला सम्मान निधि को लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच होड़ लगी हुई थी। आम आदमी पार्टी ने दो हजार रूपये महीना देने की घोषणा की थी कि जो अपने कार्यकाल के दौरान एक हजार रूपये महीना भी नहीं दे पाई थी। यही नहीं बल्कि जिस पंजाब ने आम आदमी पार्टी की सरकार है। वहां भी वह तीन साल बीत जाने के बाद भी महिलाओं को एक हजार रूपये महीना नहीं दे पा रही है।
नई दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा और कांग्रेस दोनो ने ही महिलाओं को ढाई हजार रूपये महीना देने की घोषणा की थी। लेकिन नई दिल्ली की महिलाओं ने कांग्रेस की घोषणा पर एतबार नहीं किया और भाजपा पर भरोसा जताया। इसकी बड़ी वजह यह है कि भाजपा शासित राज्यों छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और उडीसा जैसे कई राज्यों में महिलाओं को हर माह 1 हजार से 2 हजार रूपये महिना दिया जा रहा है। यह बात अलग है कि नई दिल्ली में भाजपा की घोषणा के अनुरूप अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च से सभी पात्र महिलाओं को सम्मान निधि देने का वादा निभाने में असफल रही। इसकी जगह 8मार्च को महिला सम्मान निधि देने की प्रक्रिया को शुरू किया गया है।
यही वजह है कि आम आदमी पार्टी की नेत्री और नई दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी भाजपा पर हमलावर हैं और वे भाजपा पर यह आरोप लगा रही हैं कि भाजपा ने नई दिल्ली की महिलाओं के साथ छल किया है। भाजपा का यह वादा भी जुमला निकला है। किन्तु आम आदमी पार्टी के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है कि वह पंजाब में तीन साल गुजर जाने के बाद भी अपने वादें को अमलीजामा क्यों नहीं पहचा पा रही है। रही बात नई दिल्ली की तो वहां आम आदमी पार्टी की सरकार ने पहले ही सरकारी खजाने पर झाडू फेर रखा है।
ऐसे में महिला सम्मान निधि के लिए संसाधन जुटाने में थोड़ा वक्त लगना लाजमी है। यह बात नई दिल्ली की महिलाएं समझ रही हैं और उन्हें भाजपा पर पूरा भरोसा है कि वह जल्द ही महिला सम्मान निधि देगी। किन्तु आम आदमी पार्टी इस मामले में अनरगल प्रलाप करके अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास कर रही है। नई दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी का बयान है कि नई दिल्ली की महिलाओं ने सम्मान निधि के लिए ही भाजपा को वोट देकर उसे सत्ता पर काबिज कराया है।
जबकि हकीकत यह है कि नई दिल्ली के लोगों ने आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार और अहंकार से नाराज होकर भाजपा को जिताया है। बहरहाल महिला सम्मान निधि अब चुनाव जीतने का सबसे बढिय़ा फॉर्मूला बन चुका है। नई दिल्ली के बाद अब भाजपा बिहार विधानसभा चुनाव में भी इसी फॉर्मूले को अजमाने का मन बना चुकी है।
एनडीए के बीच इस बात पर सहमति बन चुकी है कि बिहार में भी विधानसभा चुनाव के पूर्व महिला सम्मान निधि देने की न सिर्फ घोषणा की जाये बल्कि उसपर अमल भी किया जाये। ताकि बिहार विधानसभा चुनाव में मतदान के पूर्व महिलाओं के खाते में कम से कम एक किस्त तो आ जाये ताकि इसका राजनीतिक फायदा एनडीए को मिल सके। जाहिर है बिहार में भी महिलाओं के वोट कबाडऩे की कवायद होगी और इसके लिए राजनीतिक दलों के बीच प्रतिस्पर्धा भी होगी।