केंद्रीय कैबिनेट ने 'एक देश, एक चुनाव' बिल को मंजूरी दे दी है, जल्द संसद में पेश करने की तैयारी..

केंद्रीय कैबिनेट ने ‘एक देश, एक चुनाव’ बिल को मंजूरी दे दी है, जल्द संसद में पेश करने की तैयारी..

The Union Cabinet has approved the 'One Nation, One Election' bill, preparations are on to introduce it in Parliament soon.

One Nation One Election bill approved

-देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय पर चुनाव होते हैं

नई दिल्ली। One Nation One Election bill approved: मोदी सरकार ने गुरुवार को कैबिनेट बैठक में ‘एक देश, एक चुनाव’ बिल को मंजूरी दे दी है। सरकार अगले सप्ताह सदन में विधेयक ला सकती है। इस संबंध में जेपीसी का गठन कर सभी पक्षों से निर्देश लिया जायेगा। इसके बाद बिल को संसद में पेश कर पारित कराया जाएगा। फिलहाल संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है।

इससे पहले रामनाथ कोविंद की समिति ने इस संबंध में सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी। फिलहाल देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय पर चुनाव होते हैं। लेकिन विधेयक के कानून बनने के बाद देश में एक साथ चुनाव कराने की तैयारी है।

राजनीतिक दलों से चर्चा करेगी जेपीसी

एक रिपोट्र्स के अनुसार सरकार इस विधेयक को लंबी चर्चा और आम सहमति के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने की योजना बना रही है। जेपीसी सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा करेगी और प्रस्ताव पर सामूहिक सहमति के मुद्दे पर जोर देगी।

कोविन्द समिति ने क्या सिफारिश की?

सरकार ने पिछले कार्यकाल में सितंबर 2023 में इस महत्वाकांक्षी योजना पर काम करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले मार्च में ही कोविंद समिति ने अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप दी थीं।

केंद्र सरकार (One Nation One Election bill approved) ने कुछ समय पहले समिति की सिफारिशें स्वीकार कर लीं। समिति ने अपनी रिपोर्ट में दो चरणों में चुनाव कराने की सिफारिश की है। समिति ने पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की सिफारिश की है। दूसरे चरण में स्थानीय स्व-सरकारी निकायों के लिए चुनाव कराने की सिफारिश की गई है।

राज्यों से कम से कम 50 प्रतिशत समर्थन आवश्यक

प्रस्तावित संविधान संशोधन विधेयकों में से एक लोकसभा और विधानसभा के साथ स्थानीय निकायों के चुनाव कराने का है। हालाँकि इसके लिए कम से कम 50 प्रतिशत राज्यों के समर्थन की आवश्यकता होगी। ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ से जुड़े विधेयक में विधानसभा भंग। साथ ही, ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ शब्द को शामिल करने के लिए अनुच्छेद 327 में संशोधन किया जाएगा। इसके लिए 50 फीसदी राज्यों के समर्थन की जरूरत नहीं होगी।

संवैधानिक रूप से चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयोग दोनों स्वतंत्र निकाय हैं। चुनाव आयोग को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधान परिषदों और राज्य विधान परिषदों के चुनाव कराने होते हैं, जबकि राज्य चुनाव आयोग संबंधित राज्य में नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव कराता है।

JOIN OUR WHATS APP GROUP

डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *