संपादकीय: आम आदमी पार्टी का कांग्रेस से किनारा
Aam Aadmi Party’s separation from Congress: आईएनडीआईए गठबंधन में शामिल राजनीतिक पार्टियों में मतभेद गहराने की खबरों के बीच आम आदमी पार्टी ने नई दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से किनारा करने की घोषणा कर दी है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और नई दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट कर दिया है कि नई दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की कोई संभावना नहीं है।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने नई दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए दो किस्तों में अपने 31 प्रत्याशियों के नामों की सूची भी जारी कर दी है। इसका मतलब साफ है कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ सीटों का बंटवारा नहीं करेगी।
पिछले लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने नई दिल्ली की सातों सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन भाजपा ने सभी सातों सीटें जीत ली थी। इसके बाद हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ सीटों का बंटवारा करने की कोशिश की थी।
लेकिन कांग्रेस पार्टी ने आम आदमी पार्टी को दरकिनार कर दिया था। इसके बाद दोनों दलों के बीच दूरियां और बढ़ गई। उसी का नतीजा है कि अब आम आदमी पार्टी ने नई दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले अपने दम पर लडऩे की घोषणा कर दी है। आम आदमी पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि नई दिल्ली में कांग्रेस का कोई प्रभाव नहीं है।
ऐसे में यदि कांग्रेस अलग होकर लड़ती है तो भी आम आदमी पार्टी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा पायेगी। बहरहाल आम आदमी पार्टी के इस निर्णय के बाद अब नई दिल्ली में त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिलेगा। ऐसी स्थिति में भाजपा को लाभ भी हो सकता है।
क्योंकि भाजपा विरोधी वोट आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में बंट जाएंगे वहीं अल्पसंख्यकों के वोट भी जो भाजपा को नहीं मिलते है और कई सीटों पर जहां वे निर्णायक सिद्ध होते है। वहां उनके वोट आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच बट जाएंगे। ऐसे में भाजपा को फायदा हो सकता है।