संपादकीय: पुरानी आबकारी नीति की बहाली
Restoration of old excise policy : नई दिल्ली के बहुचर्चित शराब घोटाले की तरह ही छत्तीसगढ़ में भी पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने आबकारी नीति में संशोधन कर अपने चहेते लोगों को उपकृत करने बड़ा घोटाला किया था। जिसकी जांच चल रही है। नई बोतल में पुरानी शराब की तर्ज पर भूपेश बघेल के कार्यकाल में एफ एम 10 लायसेंस का नियम लागू किया गया था और अपने समर्थकों को लायसेंस दे दिया गया था।
जो घटिया स्तर की और नकली शराब पिलाते थे। फर्जी होलोग्राम लगाकर गुणवत्ता विहीन शराब मनमाने दामों पर सप्लाई कर खुद तो मोटा माल कमाते रहे और राज्य सरकार को हजारों करोड़ के राजस्व की क्षति पहुंचाते रहे। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद इन घोटालेबाजों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। इसके साथ ही विष्णु देव साय सरकार ने लायसेंसी व्यवस्था को खत्म कर दिया है।
अब राज्य सरकार सीधे डिस्टिलरी से छत्तीसगढ़ ब्रेवरेज कार्पोरेशन के माध्यम से शराब की खरीदी करेगी। इस तरह शराब कारोबार अब भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी हो जाएगा। लोगों को गुणवत्ता पूर्ण उत्पाद उचित मूल्य पर उपलब्ध होंगे । नकली, घटिया और जहरीली शराब की समस्या का भी समाधान होगा।