CM Baghel 'छेर छेरा जोहार' में शामिल हुए, बोले- महु मांगे बर आए हंव |

CM Baghel ‘छेर छेरा जोहार’ में शामिल हुए, बोले- महु मांगे बर आए हंव

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  • मुख्यमंत्री ने अन्न दान के महापर्व पर घर-घर जाकर लिया दान
  • मुख्यमंत्री को महंत राजेश्री रामसुन्दर दास ने धान सहित सवा लाख का चेक किया दान
  • दान में प्राप्त राशि और धान को सुपोषण अभियान के लिए किया समर्पित

रायपुर/नवप्रदेश। मुख्यमंत्री (cm baghel) भूपेश बघेल शुक्रवार को अन्नदान के महापर्व छेर छेरा जोहार (chher chhera johar) कार्यक्रम में शामिल हुए और कहा कि महु छेर छेरा मांगे बर आए हंव। कार्यक्रम राजधानी रायपुर के ऐतिहासिक एवं प्राचीन दुधाधारी मठ में आयोजित किया गया।

मुख्यमंत्री (cm baghel) ने दुधाधारी मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की।

मुख्यमंत्री को महंत राजेश्री रामसुन्दर दास ने छेर छेरा जोहार (chher chhera johar) के अवसर पर धान एवं सवा लाख रुपए का चेक प्रदान किया। मुख्यमंत्री बघेल ने रंग बिरंगें परिधानों में सजे डण्डा, पंथी और राउत नर्तक दलों के साथ मंदिरों के आसपास कई घरों में जाकर छेर छेरा पुन्नी का दान लिया। मुख्यमंत्री ने घरों के सामने ‘छेर छेरा माई कोठी के धान ला हेर हेरा’ की आवाज लगाई।

बघेल ने प्रदेशवासियों को छेर छेरा छेर (chher chhera johar) पर्व की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रदेश का किसान जब धान की फसल खलिहान में लाता है और उसकी मिंजाई करके जब रास बांधता है तब किसान सहित सभी लोग प्रसन्न होते हैं।

मुख्यमंत्री को धान से तौलकर किया तुलादान

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मंदिर परिसर में महंत राजेश्री रामसुन्दर दास और साधु संतो और पंडितों ने मंत्रोच्चार के साथ मुख्यमंत्री बघेल को धान से तौलकर तुला दान किया। मुख्यमंत्री ने अन्नदान को मठ की रामकोठी में रखा। मुख्यमंत्री ने दान में प्राप्त धान और धन राशि को प्रदेश के बच्चों को स्वस्थ बनाने के लिए चलाए जा रहे सुपोषण अभियान के लिए समर्पित किया।

कहा कि प्रदेश में कुपोषण सबसे बड़ी समस्या है। कुपोषण दूर करने के लिए सरकार के साथ समाज और जन भागीदारी जरूरी है तभी कुपोषण से मुक्ति पाया जा सकता है। उन्होंने प्रदेश के लोगों से आव्हान किया कि वे सुपोषण अभियान में तन-मन-धन से सहयोग करें।

ऐसा है छेर छेरा पर्व

पौष पूर्णिमा के दिन मनाये जाने वाले छेर छेरा पुन्नी पर गांव के बच्चे, युवा और महिला संगठन खलिहानों और घरों में जाकर धान और भेंट स्वरूप प्राप्त पैसे इकट्‌ठा करते हैं।इकट्‌ठा किए गए धान और राशि रामकोठी में रखते हैं और वर्ष भर के लिए अपना कार्यक्रम बनाते हैं। खेल सामग्री और सार्वजनिक आयोजनों के लिए सामग्री खरीदते हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया पर्व का महत्व

मुख्यमंत्री ने कहा कि पौराणिक मान्यता के अनुसार आज ही के दिन भगवान शंकर ने माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। आज ही मां शाकम्भरी जयंती है। इसलिए लोग धान के साथ साग-भाजी, फल का दान भी करते हैं। बघेल ने कहा कि आज ही के दिन रतनपुर के राजा छह माह के प्रवास के बाद रतनपुर लौटे थे। उनकी आवभगत में प्रजा को दान दिया गया था।

चंद्राकर ने गाया राज गीत

छेर छेरा पुन्नी जोहार कार्यक्रम में पद्मश्री ममता चन्द्राकार ने छत्तीसगढ़ी राज गीत प्रस्तुत किया। साथ ही कार्यक्रम में बिहाव गीत सहित अन्य गीतों की मधुर प्रस्तुति दी। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिय़ा, सांसद छाया वर्मा सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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