CBI Breaking : DGP प्रवीण सूद बने CBI के नये डायरेक्टर, आदेश जारी…उनके बारे में यहां जानें
नयी दिल्ली/नवप्रदेश। CBI Breaking : प्रवीण सूद को भारत सरकार ने सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) का डायरेक्टर नियुक्त किया है। प्रवीण अभी कर्नाटक के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) थे। प्रवीण सूद का नाम सीबीआई डायरेक्टर की रेस में पहले से ही सबसे आगे चल रहा था। मौजूदा सीबीआई डायरेक्टर सुबोध कुमार जायसवाल का दो साल का कार्यकाल 25 मई को समाप्त होगा।
1986 बैच के हैं IPS अफसर
हालांकि कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रवीण सूद के नाम के आगे अपने विरोध का नोट भी दर्ज किया था, क्योंकि वो उन अधिकारियों के पैनल में शामिल नहीं थे जिन्हें पहले सीबीआई निदेशक के पद के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था। प्रवीण सूद के नाम को अंतिम समय में शामिल किया गया है।
प्रवीण सूद, 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और जनवरी 2020 में कर्नाटक के डीजीपी बने थे। वहीं सुधीर कुमार सक्सेना, 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और मार्च 2022 में मध्य प्रदेश के डीजीपी बने थे। ताज हसन एजीएमयूटी काडर के 1987 बैच के अधिकारी हैं। वो जुलाई 2021 में डीजी फ़ायर सर्विस नियुक्त हुए थे।
CBI डायरेक्टर (IPS Breaking) का सिलेक्शन एक हाईलेवल कमेटी के जरिए किया जाता है। जिसमें प्रधानमंत्री, भारत के चीफ जस्टिस और लोकसभा के विपक्ष के नेता शामिल होते हैं। इसमें दो साल का निश्चित कार्यकाल होता है, लेकिन इसे पांच साल तक बढ़ाया (IPS Breaking) जा सकता है।
26 मई को खत्म हो रहा है जायसवाल का कार्यकाल
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर और महाराष्ट्र कैडर के 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी जायसवाल ने 26 मई, 2021 को सीबीआई की बागडोर संभाली थी। इस महीने उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है। बता दें कि सीबीआई निदेशक का चयन एक समिति करती है, जिसमें प्रधानमंत्री, सीजेआई और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष शामिल होते हैं। नियुक्ति दो साल के निश्चित कार्यकाल के लिए की जाती है, जबकि कार्यकाल पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है।
डायरेक्टर को हटाने अपनाई जाती है यह प्रक्रिया
साल 1997 से पहले सीबीआई डायरेक्टर को सरकार अपनी मर्जी से कभी भी हटा सकती थी, लेकिन साल 1997 में विनीत नारायण मामले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कार्यकाल कम से कम दो साल का कर दिया, ताकि डायरेक्टर मुक्त होकर अपना काम कर सके। आपको बता दें, सीबीआई के डायरेक्टर को हटाने के लिए पूरे मामले की जानकारी सेलेक्शन पैनल को भेजनी होती है। वहीं डायरेक्टर के तबादले से की प्रक्रिया में सेलेक्शन कमेटी सीवीसी, होम सेक्रेटरी और सेक्रेटरी (कार्मिक) का होना भी जरूरी है।