Congress Party : कांग्रेस को आत्मचिंतन की जरूरत
Congress Party : कांग्रेस पार्टी में इन दिनों भगदड़ की स्थिति बनती जा रही है। एक के बाद एक कांग्रेस के वरिष्ठ और युवा नेता पार्टी छोड़कर जा रहे है। इसके बावजूद कांग्रेस आलाकमान इस बात पर आत्मचिंतन करने की जरूरत ही महसूस नहीं कर रहा है कि आखिर वे कौन से कारण है जिसके चलते कांग्रेस नेताओं का पार्टी से मोह भंग होने लगा है। अभी तो कुछ और वरिष्ठ नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने की अटकलें लगाई जा रही है। अभी भी समय है कि जो हुआ सो हुआ ऐसा मानकर पार्टी हाईकमान पार्टी छोड़कर जाने की कोशिशों मेंं लगे नेताओं को विश्वास में लें अन्यथा २०२४ का लोकसभा चुनाव आते तक कई और नेता पार्टी से किनारा कर नया ठिकाना तलाश लेंगे।
यदि ऐसा हुआ तो २०२४ के लोकसभा चुनाव में पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कंाग्रेस इस देश की सबसे पुरानी पार्टी है जिसका न सिर्फ आजादी के आंदोलन में अग्रणी योगदान रहा है बल्कि लगभग ६ दशकों तक उसने देश में शासन भी किया है। कांग्रेस जैसी पार्टी का रहना और वह भी मजबूत स्थिति में रहना भारतीय लोकतंत्र के लिए अतिआवश्यक है। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का मुकाबला कांग्रेस नेतृत्व वाला यूपीए ही कर सकता है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि यूपीए को मजबूत बनाने से पहले कांग्रेस पार्टी को ही मजबूत बनाया जाएं। जब तक कंाग्रेस पार्टी में व्याप्त अंतर्कलह और गुटबाजी दूर नहीं होगी तब तक पार्टी को मजबूती नहीं मिल पाएगी।
अब जबकि मल्लिकर्जुन खडग़े जैसा अनुभवी और वरिष्ठ नेता पार्टी की कमान संभाल रहा है तो उनसे यह उम्मीद की जा सकती है कि वे कांग्रेस पार्टी को एकजुट रखने के लिए अपनी ओर से ेकोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे और बगावती तेवर दिखाकर पार्टी बदलने के लिए पर तोलने वाले नेताओं को समझाइश देकर उन्हे पार्टी में ही बने रहने के लिए प्रेरित करेंगे। विधानसभा चुनाव को लेकर कर्नाटक में इन दिनों राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है। चुनाव की तारीख का ऐलान होने के साथ ही राज्य में दल-बदल का खेल शुरू हो गया है। थोक के भाव में मझोले स्तर के नेता अपने कार्यकर्ताओं के साथ सुरक्षित सियासी भविष्य के लिए दूसरे दलों की ओर कूच कर रहे हैं।
कर्नाटक की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) में सबसे अधिक भगदड़ मची हुई है। बड़ी संख्या में पार्टी के नेता, विधायक और कार्यकर्ता कांग्रेस और बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। राजस्थान में अपनी ही सरकार के खिलाफ जयपुर के शहीद स्मारक पर मौन व्रत रखे पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपना धरना खत्म कर दिया है। वह वसुंधरा राजे की सरकार में कथित तौर पर हुए भ्रष्टाचार की जांच को लेकर अड़े थे।
उन्होंने कहा कि धरना भले खत्म हो जाए पर भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा। असम में भाजपा डिब्रूगढ़ कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव में 300 से ज्यादा सीटों पर कब्जा जमाएगी और मोदी जी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। साथ ही असम की भी 14 में से 12 सीटें जीतेगी। उन्होंने यह भी कहा कि एक जमाने में पूर्वोत्तर को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था मगर अब यहां से कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है।ह्य