3rd Wave of Corona : कोरोना की तीसरी लहर का खतरा...

3rd Wave of Corona : कोरोना की तीसरी लहर का खतरा…

3rd Wave of Corona: The danger of the third wave of Corona...

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3rd Wave of Corona : देश में इसी माह कोरोना की तीसरी लहर आने का खतरा मंडराने लगा है। पिछले एक सप्ताह से देश में प्रतिदिन कोरोना के ४० हजारे से अधिक नए मामले सामने आ रहे है और लगभग पांच सौ लोगों की मौत हो रही है। इसे कोरोना की तीसरी लहर की शुरूआत का संकेत माना जा सकता है। खासतौर पर केरल में तो कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

कर्नाटक के एक कॉलेज में पढऩे वाले केरल के ६५ छात्र कोरोना संक्रमित पाए गए है, इसके बाद वहां कॉलेज को बंद कर दिया गया है। देश के कई राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर का असर कम होने के बाद शैक्षणिक संस्थानों को खोला जा रहा है। उनमें से भी कई स्कूलों ने छात्र और शिक्षक कोरोना पॅाजिटिव पाए गए और इसके बाद उन स्कूलों को बंद कर दिया गया।

अभी तक बच्चों के लिए कोरोना का टीका नहीं बन पाया है, ऐसी स्थिति में यदि कोरोना की तीसरी लहर आती है तो छात्र-छात्राओं के कोरोना संक्रमित होने का खतरा बना रहेगा। यद्यपि शैक्षणिक संस्थानों में सोशल डिस्टेंसिंग के पालन का दावा किया जा रहा है लेकिन देखने में आ रहा है कि अधिकांश विद्यार्थी बगैर मास्क के जा रहे है ऐसी स्थिति में उन शिक्षण संस्थानों में कोरोना गाईड लाईन का कितना पालन हो रहा है इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।

इस बीच चिकित्सा विशेषज्ञों ने कहा है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर (3rd Wave of Corona) के खतरे को मद्देनजर रखकर कम से कम दो माह तक तो शैक्षणिक संस्थान बंद रखें जाने चाहिए। क्योकि यदि शैक्षणिक संस्थानों में छात्र-छात्राएं कोरोना की तीसरी लहर का शिकर बनते है तो विकट स्थिति पैदा हो जाएगी किन्तु राज्य सरकारेें पता नहीं क्यों चिकित्सा विशेषज्ञों की राय को तरजीह नहीं दे रही है और एक के बाद एक नई कक्षाएं लगाने का आदेश पारित कर रही है।

यह ठीक है कि ऑनलाईन पढ़ाई से विद्यार्थियों को विशेष लाभ नहीं मिल पा रहा है इसलिए शैक्षणिक संस्थान जल्द से जल्द खोलना जरूरी है ताकि छात्रों का भविष्य बर्बाद न हो लेकिन राज्य सरकारों को यह भी सोचना चाहिए कि विद्यार्थियों के भविष्य से ज्यादा उनकी जान की रक्षा है इसलिए शैक्षणिक संस्थानों में कोरोना गाईड लाईन का कड़ाई पूर्वक पालन कराएं और हो सके तो कुछ समय के लिए शैक्षणिक संस्थानों को बंद करें।

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