Wow News : अनूठी पहल, अब बच्चों के साथ पौधों का भी बनेगा सुपोषण कार्ड...कैसे देखें

Wow News : अनूठी पहल, अब बच्चों के साथ पौधों का भी बनेगा सुपोषण कार्ड…कैसे देखें

Wow News: A unique initiative, now along with children, plants will also be made nutrition card...how to see

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कोरिया/नवप्रदेश। Wow News : छत्तीसगढ़ का कोरिया जिला प्रदेश और संभवतः देश का पहला जिला बन गया है जिसने बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए पौधों को भी एक टूल के रूप में इस्तेमाल करने की पहल की है। इस नवाचार के तहत कुपोषित बच्चों के सुपोषण कार्ड में ही अब उसके यहां लगाए जा रहे मुनगे और पपीता के पौधों का भी नाम दर्ज होगा और इन पौधों के सुपोषण का आंकड़ा भी नियमित अंतराल में बच्चे की ग्रोथ के साथ दर्ज किया जाता रहेगा। 

कुपोषण की शिकार अंशिका को देखकर आया आइडिया

छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले की रहने वाली अंशिका की उम्र 03 साल 09 महीने है, लेकिन उसका वजन सिर्फ 10 किलो 800 ग्राम है। जबकि डाक्टर्स के अनुसार अंशिका की उम्र की बच्चियों का वजन 14 से 16 किलोग्राम तक होना चाहिए। दरअसल अंशिका कुपोषण का शिकार है और उसके माता पिता इस बात से चिंतित थे कि उनकी बेटी का पोषण स्तर कैसे बढ़ेगा। 

अंशिका और उसके परिवार को ये न लगे कि उनकी बेटी बीमार है या फिर उसका विकास सही से नहीं हो रहा है इसके लिए कोरिया जिला प्रशासन ने एक अनूठी पहल की शुरूआत की है। अंशिका के घर में ही पपीता और मुनगे का पौधा लगाया गया है । इन पौधों को परिवार के सदस्यों के नाम पर नामकरण किया गया है ताकि ये पौधे परिवार के सदस्य बन जाएं और बच्चे के साथ ही इनकी भी देखभाल हो। 

एक साथ कार्ड में भरी जाएगी जानकारी

खास बात ये है कि अंशिका के लिए बने सुपोषण कार्ड में इन पौधों का विवरण भी शामिल किया गया है और अंशिका के पोषण परिवर्तन के साथ ही इन पौधों के भी परिवर्तन की जानकारी इस कार्ड में एक साथ भरी जाएगी। कोरिया जिला छत्तीसगढ़ और संभवतः देश का पहला जिला है जहां कुपोषित बच्चे के साथ ही उसके घर में लगाए गए पौधों का भी सुपोषण कार्ड बनाया जा रहा है। सुपोषण कार्ड के एक हिस्से में पौधे की और (Wow News) दूसरे हिस्से में कुपोषित बच्चे की जानकारी दर्ज की जाएगी।     

छत्तीसगढ़ के कोरिया जिला में कुपोषण की दर को कम करने के लिए सुपोषण बाड़ी तैयार करने का काम शुरू किया जा रहा है। इसके अंतर्गत जिले के सभी विकासखंडों में ऐसे बच्चे जो कुपोषण की श्रेणी में है उनके घरों में मुनगा और पपीता के पौधे लगाए जा रहे हैं जो बच्चे के परिवार के सदस्य के रूप में नामित होंगे और कुपोषित बच्चे के साथ ही इन पौधों के भी पोषण स्तर की नियमित जांच की जाएगी। 

कोरिया जिले के ओड़गी ग्राम पंचायत से की है शुरू

इस अभिनव पहल की शुरूआत कोरिया जिले के ओड़गी ग्राम पंचायत से की गई है। यहां कुपोषण की श्रेणी मे दर्ज बच्ची अंशिका के घर में संसदीय सचिव श्रीमति अम्बिका सिंहदेव और जिला कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा ने खुद पपीता और मुनगा का पौधा लगाकर इसकी शुरूआत की।

मुनगा और पपीता के पौधों को पोषण स्तर बढ़ाने के मामले में काफी गुणकारी माना जाता है, इनके फायदों को देखते हुए ही इन्हें लगाने का निर्णय जिला प्रशासन द्वारा लिया गया है। इस तरह से कुपोषित बच्चे के विकास के साथ ही पौधे का भी विकास होगा और घर में ही सुपोषण बाड़ी भी तैयार होती जाएगी। 

राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण-4 के अनुसार प्रदेश के 5 वर्ष से कम उम्र के 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार थे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान योजना शुरू करने के बाद राज्य में अब तक लगभग 1 लाख 72 हजार बच्चे कुपोषण मुक्त हो चुके हैं और कुपोषित बच्चों की संख्या में 39 प्रतिशत की कमी आई है। राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण-5 के अनुसार भी राज्य में कुपोषित बच्चों की (Wow News) प्रतिशत घटकर 31.30 रह गया है जो राष्ट्रीय औसत 32.10 प्रतिशत से कम है।

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