Worry About Inflation : बढ़ती महंगाई चिंता का विषय
Worry About Inflation : पिछले एक सप्ताह से पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के बढ़ते दामों ने आद आदमी का दम निकाल दिया है। पेट्रोलियम पदार्थो के मूल्य में हो रही लगातार वृद्धि का सीधा असर आम आदमी के घरेलू बजट पर पड़ रहा है। पेट्रोल और डीजल के दाम बढऩे की वजह से आवश्यक वस्तुओं के दाम भी बढऩे लगे है। यहां तक की हरी साग सब्जियों दाम भी आम आदमी की पहुंच से बाहर होने लगे है। यदि यही स्थिति रही तो निश्चित रूप से आने वाले दिनों में बढ़ती महंगाई लोगों का जीना मुहाल कर देगी।
दो साल लंबे चले कोरोना काल की वजह से पहले ही लोगों की आय कम हो गई है और अब बढ़ती महंगाई के कारण उनके सामने आमदनी अठन्नी और खर्चा रूपैया वाली बात हो गई है। इस बीच खबर है कि टोल टैैक्स भी बढ़ाया जा रहा है। ऐसे में यातायात के साधन भी महंगे पडेंग़े। पेट्रोलोलियम पदाथों के मूल्यों को नियंत्रित करने के लिए केन्द्र सरकार को सहानुभूति पूर्वक विचार करना होगा और लोगों को राहत देने के लिए पेट्रोल व डीजल के बढ़ते दामों पर लगाम लगानी होगी अन्यथा आगे चलकर स्थिति भयावह हो सकती है।
बढ़ती महंगाई के खिलाफ (Worry About Inflation) कांग्रेस ने मोर्चा खोला है और सरकार से मांग की है कि वह पेट्रोल व डीजल के दामों में हो रही वृद्धि पर रोक लगाएं। अन्य विपक्षी पार्टियां भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है। आम जनता में भी सरकार के प्रति नाराजगी देखी जा रही है। यह ठीक है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के कारण पेट्रोल व डीजल के दामों में वृद्धि हो रही है और इससे कोई भी देश अछूता नहीं है लेकिन भारत सरकार को यह देखना चाहिए कि जहां लोगों को पेट्रोल व डीजल के बढ़ते दामों से किस तरह राहत दी जा सकती है।
इसके लिए पेट्रोल व डीजल पर लगने वाले वैट कर दरों को भी कम किया जाना चाहिए। यदि केन्द्र सरकार वैट की दर घटाती है तो राज्य सरकारें भी वैट की दर कम कर सकती है और इससे लोगों को काफी हद तक राहत मिल सकती है। पिछले एक सप्ताह में पेट्रोल व डीजल के दामों में प्रति लीटर छह रूपए से अधिक की वृद्धि हो चुकी है और मूल्य वृद्धि का यह सिलसिला आगे और कब तक चलेगा इस बारे में कुछ कहा नही जा सकता।
इसलिए यह आवश्यक है कि पेट्रेालियम पदार्थो पर केन्द्र व राज्य सरकारें जो भारी भरकम वैट कर लगाती है उसे कम किया जाएं ताकि पेट्रोलियम पदार्थो के दाम बढऩे से आवश्यक वस्तुओं के मूल्य में जो वृद्धि हो रही है वह रूके और आम आदमी को कमरतोड़ महंगाई (Worry About Inflation) से कुछ हद तक राहत मिल सकें।