कोरोना से ध्यान हटाने और सीमा पर घुसपैठ कर खुद चक्रव्यूह में फंसा चीन
सारी दुनिया (world) का कोरोना (corona)से ध्यान हटाने (deflect) के लिए चीन ने लद्दाख (Ladakh by China) में भारतीय सीमा (Indian border) के भीतर घुसपैठ (Infiltration) करने की कोशिश कर के सीमा पर तनाव पैदा कर दिया है। किन्तु भारतीय सेना ने अपने 20 जवानों की शहादत के बाद चीनी सैनिकों को कुचल कर रख दिया। चीन के 50 से ज्यादा सैनिक मारे गए और भारतीय सेना का रौद्र रूप देखकर चीनी सैनिक सिर पर पांव रख कर भागने लगे।
चीन अभी तक गलवान घाटी में हुई ङ्क्षहसक झड़प में मारे गए चीनी सैनिकों की संख्या नहीं बता रहा है। इसी से स्पष्ट है कि इस झड़प में चीनी सेना को कितना ज्यादा नुकसान हुआ है। इसके बाद से भारतीय सेना ने लद्दाख में अपनी संख्या बढ़ा दी है और लड़ाकू विमानों ने सीमा की चौकसी शुरू कर दी है।
भारत ने चीन से लगी सीमा पर तमाम एहतियाती कदम उठा लिए है और साथ ही सरकार ने सेना को खुली छूट भी दे दी है। भारत की इस तैयारी और भारत सरकार के सख्त रवैए को देखकर चीन सकते में आ गया है। यही वजह है कि उसने खुद होकर भारत के साथ गलवान घाटी के मुद्दे को लेकर बातचीत की पेशकश की। दोनों देशों के बीच कमांडर स्तरीय बातचीत भी हुई लगभग १३ घंटे तक चली इस बातचीत में भारत ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि चीनी सेना को पिछे हटना ही होगा।
मरता क्या नहीं करता की तर्ज पर चीनी सेना पिछे हटने पर बाध्य हो गई। चीन के पास घुटने टेकने के अलावा और कोई चारा ही नहीं है। भारतीय सेना चीन की हर कुटिल चाल का उसी की भाषा में जवाब देने के लिए कमर कस कर तैयार है। दरअसल चीन अब चक्रव्यूह में फंस चुका है। चीन के तमाम पड़ौसी देश ताईवान, वियतनाम, मंगोलिया और इंडोनेशिया ने भी अपनी सीमाओं पर सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है।
इन सभी पड़ौसी देशों के साथ चीन का सीमा विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। ये छोटे छोटे देश है जो चीन की विशाल सेना का खौफ खाते रहे है लेकिन भारत ने चीन के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखाकर इन सभी देशों का मनोबल बढ़ा दिया है। नातों ने भी चेतावनी दी है कि चीन उसके निशाने पर है इस बीच अमेरिका ने भी दक्षिण चीन के समुद्र में तीन युद्धपोत भेज दिया है जो परमाणु हथियारों से लैस है।
जापान ने भी चीन की ओर मिसाईल तैनात कर दी है। जाहिर है चीन चौतरफा घिर चुका है और यदि वह भारत के साथ जंग करने की गलती करता है तो ये तमाम देश भारत के साथ आ जाएंगे और चीन को और चीन को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ जाएगी।