World Cancer Day : वल्र्ड कैंसर डे क्लोजिंग द केयर गैप

World Cancer Day : वल्र्ड कैंसर डे क्लोजिंग द केयर गैप

World Cancer Day: World Cancer Day Closing the Care Gap

World Cancer Day

World Cancer Day : इस वर्ष 4 फरवरी ‘वल्र्ड कैंसर डे’ की थीम ‘क्लोज़ द केयर गैप’ पर केन्द्रित है।‘कैंसर’ शब्द का जि़क्र मात्र ही ज़हन में सिहरन पैदा कर देता है।ऐसे मेंजिन्हें कैंसर हो जाता है और जो लोग उनकी सेवा सुश्रुषा करते हैं, उनकी मन:स्थिति को तो बयांही नहीं किया जा सकता। फिर कैंसर केयर से सम्बंधित विभिन्न चरणों, जैसे- डायग्नोसिस, सर्जरी, रेडियोथैरेपी, कीमोथैरेपी और पैलीएटिव केयर व्यवस्था में कुछ ‘गैप’ हों, तोकैंसर के मरीज़ों और रिश्तेदारों की निराशा कासिफऱ् अंदाज़ा ही लगाया जा सकता है।

इस दृष्टि से इस वर्ष की थीम प्रासंगिक है, क्योंकि किसी भी स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए केयर के मापदंडों पर शत-प्रतिशत खरा उतरना एक नामुमकिन सा आदर्श मात्र है। किसी व्यवस्था में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव होगा, तो कोई व्यवस्था बहुत खर्चीली होगी। कहीं लोगों की जीवनशैली और परिवेश में कैंसर के रिस्क फैक्टर बहुतायत में होंगे और कहीं आम जनता का “हैल्थ सीकिंग बिहेवियर” एक चुनौती होगा। साथ ही कैंसर प्रभावितों को टर्मिनल स्टेज में पैलीएटिव केयरदे पाना भी एक बड़ी ज़रुरत है। निष्कर्ष यही है किकैंसर केयर के हर स्तर पर अपेक्षाओं और वास्तविकताओं में गैप होंगे ही। कहीं ज़्यादा, तो कहीं कम।

इस परिपेक्ष्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (2017),आयुष्मान भारत हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनाऔर प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के साथ कैंसर के क्षेत्र में किए जा रहे विशिष्ट प्रयासों का यहां उल्लेख करना प्रासंगिक है। आयुष्मान भारत हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर, भारत सरकार द्वारा कोम्प्रीहेंसिव प्राइमरी हैल्थ केयर सुनिश्चित करने की एक सुविचारित रणनीति है। देश में सभी उप-स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में क्रियान्वित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य हमारे माननीय प्रधानमन्त्री जी ने दिया हैऔर आजदेश में 89,000 से अधिक हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर के माध्यम से प्रिवेंटिव, प्रोमोटिव एवं कॉम्प्रीहैंसिव प्राइमरी हैल्थकेयर दी जा रही है।

आशा एवं ए.एन.एम. द्वारा घर-घर जाकर 30 वर्ष से अधिक आयु की आबादी का पांच प्रमुख बीमारियों हाइपरटेंशन, डायबिटीज़ औरओरल, ब्रैस्ट एवं सर्वाइकल कैंसरके प्रारम्भिक लक्षणों के आधार पर पहचान का काम किया जा रहा है और साथ ही कैंसर से बचाव के लिए जीवनशैली में परिवर्तन के लिए अपेक्षित जानकारी भी दी जा रही है। निष्कर्ष के रूप में ये कहा जा सकता है कि कैंसर केयर के प्रारम्भिक स्तर पर गैप को क्लोज़ किए जाने का भरपूर प्रयत्न किया जा रहा है और इस प्रयास के सकारात्मक परिणाम भी परिलक्षित हो रहे हैं।

हमारे देश में नेशनल प्रोग्राम फ़ॉर प्रिवेंशन एंड कण्ट्रोल ऑफ़ कैंसर, (World Cancer Day) डायबिटीज़, कार्डियो-वस्कुलर डिज़ीज़ एंड स्ट्रोक के माध्यम से कैंसर के प्रमुख कारणों की रोकथाम एवं नियंत्रण का प्रयास भी किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कैंसर के प्रति जन जागरूकता स्थापित करने, जीवन शैली में सुधार करने के लिए जनमानस को प्रोत्साहित करने के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला अस्पतालों में एन.सी.डी. क्लिनिक संचालित करना है। जिला अस्पतालों में सी.टी. स्कैन, एम.आर.आई., मैमोग्राफ़ी, हिस्टोपैथोलॉजी सेवाओं का विस्तार कर कैंसर के शुरुआत में ही पहचानने सम्बंधी गैप को भी ख़त्म किया जा रहा है।

‘आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के माध्यम से देश की बड़ी आबादी को कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा चुनिन्दा सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों के माध्यम से मुहैया कराई जा रही है। और फिर देश में नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने, जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में उन्नयन करने की माननीय प्रधानमंत्री जी की सोच भी सैकेंडरी केयर को सुदृढ़ करने में कामयाब हो रही है। इसी प्रकार टर्शिअरी केयर का विस्तार करने के लिए चरणबद्ध रूप से देश में 22 एम्स स्थापित किए जा रहे हैं।

साथ ही टर्शिअरी कैंसर केयर सेंटर्स स्कीम के तहत स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट और टर्शिअरी कैंसर केयर सेंटर्स स्थापित करने के लिए अनुदान दिया जाता है, जिसका उपयोग कैंसर के निदान एवं उपचार करने, कैंसर से सम्बंधित परीक्षण करने, रिसर्च गतिविधियां संचालित करने, पैलिएटिव केयर सुविधा उपलब्ध कराने और कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम में सहभागिता करने के लिए किया जा सकता है। झज्जर (हरियाणा) में 700 बिस्तर वाले ‘नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट’ और कोलकाता में 460 बिस्तर वाले ‘चितरंजन नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट’ भी प्रारंभ किए गए हैं। ये सभी प्रयास कैंसर केयर में सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथैरेपी आदि क्षेत्रों में गैप क्लोज़ करने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।

मुझे लगता है कि हमारे देश में कैंसर (World Cancer Day) की रोकथाम के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, वो ऐतिहासिक हैं। इन प्रयासों में सुधार की गुंजाइश तो हमेशा रहेगी, लेकिन अब बहुत बड़ी जि़म्मेदारी हमारे देश के जनमानस, जिनमें से अधिकांश युवा हैं, की भी है,ताकि वो अपनी जीवनशैली को इस तरह से अपनाएं कि कैंसर की सम्भावना को न्यूनतम किया जा सके। संतुलित भोजन करें, योग और व्यायाम को अपनाएं, तम्बाकू एवं शराब का सेवन ना करें। और उनकी यह कोशिश न सिफऱ् उन्हें कैंसर की संभावना से बचाएगी, अपितु सीमित सेवाओं को गुणवत्ता पूर्वक, कैंसर रोगियों को समय पर उपलब्ध कराकर इस वर्ष की थीम ‘क्लोज़ द केयर गैप’ कोभी चरितार्थ कर सकेगी। जय हिन्द!

डॉ. मनोहर अगनानी, अतिरिक्त सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्यायण, भारत सरकार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *