किसानों की आय में और होगी वृद्धि, “चिराग परियोजना” को विश्व बैंक की मिली मंजूरी
–chiraag project: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर विश्व बैंक ने दी स्वीकृति
-बस्तर संभाग के सात जिलों के 13 विकासखण्ड होंगे लाभान्वित
-गौठानों को केन्द्र में रखकर किया जाएगा परियोजना का क्रियान्वयन
रायपुर। chiraag project: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे की पहल पर राज्य के बस्तर अंचल के आदिवासी किसानों के कृषि विकास तथा उनके पोषण स्तर में सुधार तथा कृषि उपजों के मूल्य संवर्धन द्वारा कृषकों की आय वृद्धि हेतु 1036 करोड़ रूपए की विश्व बैंक सहायतित 6 वर्षीय परियोजना ‘चिराग’ को विश्व बैंक वाशिंगटन डी.सी.(यू.एस.) द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है।
चिराग परियोजना (chiraag project) बस्तर संभाग के 7 जिलों के 13 विकासखण्डों बस्तर, बकावंड, बड़ेराजपुर, माकड़ी, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, कटेकल्याण, सुकमा, छिंदगढ़, भैरमगढ़, भोपालपट्नम, चारामा एवं नरहरपुर तथा मुंगेली जिले के मुंगेली विकासखण्ड के 1000 गांवों में क्रियान्वित की जाएगी।
योजना का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के अनुसार उन्नत कृषि, उत्तम स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से पोषण आहार में सुधार, कृषि एवं अन्य उत्पादों का मूल्य संवर्धन कर कृषकों को अधिक से अधिक लाभ दिलाना है।
परियोजना (chiraag project) अंतर्गत समन्वित कृषि, भू एवं जल संवर्धन, बाड़ी एवं उद्यान विकास, उन्नत मत्स्य एवं पशुपालन, दुग्ध उत्पादन के अतिरिक्त किसान उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) द्वारा कृषकों के उपजों का मूल्य संवर्धन कर कृषकों की आय वृद्धि से संबंधित कार्य सम्पादित किए जाएंगे।
परियोजना का क्रियान्वयन गौठानों को केन्द्र में रखकर किया जाएगा। कोविड-19 महामारी के कारण कृषि क्षेत्र में आए अवरोधों एवं कठिनाईयों को ध्यान में रखते हुए आय वृद्धि एवं रोजगार सृजन का उद्देश्य भी परियोजना में सम्मिलित है।