SC-ST उप योजना पर हुई कार्यशाला, शैक्षणिक, सामाजिक व आर्थिक न्याय विषय पर विश्लेषण

SC-ST उप योजना पर हुई कार्यशाला, शैक्षणिक, सामाजिक व आर्थिक न्याय विषय पर विश्लेषण

Inclusive Budget: Visionary and inclusive budget

Inclusive Budget

रायपुर/नवप्रदेश। Workshop on Budget : छत्तीसगढ़ एवं केंद्रीय बजट विश्लेषण अंतर्गत SC, ST उपयोजना की दावा,दखल और जांच के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला में छत्तीसगढ़ राज्य व केंद्रीय योजनाओं में SC, ST वर्ग के कल्याण के लिए निर्धारित बजट पर दिल्ली से मुख्य प्रशिक्षक एवं आर्थिक नीतियों के विशेषज्ञ उमेश बाबू ने बजट विश्लेषण किया।

कार्यशाला में अनुसूचित जाति,जनजाति उपयोजना अंतर्गत आबंटित बजट पर दावा,दखल व जांच के लिए राज्य स्तरीय बजट वर्किंग कमेटी एवं जिला स्तरीय पब्लिक इंक्वायरी कमेटी तैयार की गई। ये कमेटी बजट का शतप्रतिशत अनुसूचित जाति व जनजाति वर्गो के कल्याण में खर्च करवाने कार्य करेगी। सोशल जस्टिस एंड लिगल फॉउंडेशन द्वारा आयोजित आर्थिक न्याय पर आधारित कार्यशाला में राज्यभर से 150 से अधिक सदस्य शामिल रहे।

जनसंख्या के अनुपात में संसाधनों का वितरण

बजट के मुद्दे पर उमेश बाबू ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राज्य व केंद्र सरकार के बजट सर्कुलर होते हैं। पूरी प्रक्रिया यह है कि अनु.जाति व जनजाति वर्ग के लिए उनकी जनसंख्या के अनुपात में संसाधनों का वितरण होगा। मुद्रा एक संसाधन है जिसका एक हिस्सा सरकार के पास टैक्स के माध्यम से आता है, इससे बजट बनता है। इस बजट में इनके लिए आबंटित धनराशि न तो लैप्स होगी, न डायवर्ट होगी और यह सिर्फ उन्हीं योजनाओं में खर्च होगी जिससे इन वर्गो के व्यक्ति परिवार और बस्ती का सीधा लाभ हो।

वर्ष 2022-23 में कुल छत्तीसगढ़ राज्य का बजट 1,04,000 करोड़ विधानसभा के पटल पर पेश किया गया है। जिसमे से अनु.जनजाति उपयोजना में 21,492.34 करोड़ व अनुसूचित जाति उपयोजना में 6746.44 करोड़ आबंटित हुआ है। बीते 4 वर्षो में अनु.जाति व जनजाति वर्गो के 29,284 करोड़ लेप्स हो गए है। प्रतिवर्ष राज्य बजट अंतर्गत अनुसूचित जाति, जनजाति उपयोजना हिस्से की 35 से 40 प्रतिशत राशि लेप्स हो जाती है।

बजट मामलों में काम करने राज्य स्तरीय बजट वर्किंग कमेटी एवं जिला स्तरीय पब्लिक इन्क्वारी कमेटी रिफॉर्म की गई,जो राष्ट्रीय टीम आर्थिक न्याय मंच के साथ को-ऑपरेट कर राज्य में दावा,दखल व जांच करेगी।

कार्यक्रम को सफल बनाने में देव लाल भारती, संदीप नेताम,अनिल बनज,खेमराज झरिया,डॉक्टर हुमने,मान सिंह ध्रुव ,अश्वनी बंजारा,उमेश कुमार ,टोप्पो जी,प्रो.एच एन टण्डन,अजय जांगडे, शैलेश कुमार, संतोष जांगडे, भूपेंद्र बाँधी,शिव शंकर ठाकुर,डाक्टर दीपक मरकाम,डाक्टर राजेश पैकरा,महेश पैकरा,जितेंद्र कुर्रे,प्रोजगदीश खटकर,विजय रात्रे,घनश्याम चेलक,राही जी,रुप कुर्रे,लक्ष्मी लहरे,पुष्पा कमल,अमृता मिलन,भाव सिंह डाहरे,गजेंद्र टण्डन, नीलेश रामटेके,खेमचंद देशलहरे,दिनेश्वर बंजारे,उत्तम टण्डन, बम्बोडे, राजकुमार लहरे,नन्दझरोखा कुर्रे,घृतलहरे जी गरियाबंद,बी सी खरे,शिव टण्डन,दीपक लकड़ा,डी,पी,पात्रे,अजय कुजूर,शिव मंगल ठाकुर, दिलेश्वर भंडारी,मनीष रात्रे,नादिया जी,गावड़े जी ,सहित 150 के आसपास साथियो का योगदान कार्यशाला को सफल बनाने में रहा।

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