Workers Salary Hike : श्रमिकों के वेतन में प्रतिदिन 95 रुपये तक बढ़ोतरी, बदलेगी करोड़ों मजदूरों की जिंदगी

Workers Salary Hike

Workers Salary Hike

नई श्रम संहिता के लागू होने के बाद देश के 40 करोड़ से अधिक असंगठित सेक्टर के श्रमिकों के वेतन में प्रतिदिन 95 रुपये (Workers Salary Hike) तक की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार श्रमिकों की आमदनी में यह वृद्धि लगभग 3,000 रुपये प्रतिमाह तक पहुंच सकती है। अर्थशास्त्री मानते हैं कि न्यूनतम वेतन (Minimum Wages India) में वृद्धि से मजदूरों की खपत बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।

हालांकि, नई श्रम संहिता (New Labour Code) लागू होने के साथ ही प्रतिष्ठानों की लागत भी बढ़ने वाली है। अभी ग्रेच्युटी पाने के लिए पांच वर्ष की नौकरी अनिवार्य होती है, लेकिन नए नियम लागू होने पर सिर्फ एक वर्ष के अनुबंध पर काम करने वाले श्रमिक भी ग्रेच्युटी के पात्र होंगे। साथ ही अभी ग्रेच्युटी बेसिक वेतन पर आधारित होती है, जबकि नई व्यवस्था के बाद इसे कुल वेतन (Total Salary) के आधार पर दिया जाएगा। स्थायी एवं अस्थायी दोनों प्रकार के कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा मिलने से भी कंपनियों के खर्च में वृद्धि होगी।

नई श्रम संहिता के तहत केंद्र सरकार पूरे देश के लिए एक समान फ्लोर मजदूरी (National Floor Wage Policy) तय करने जा रही है, जिसके बाद कोई भी राज्य इससे कम वेतन नहीं दे सकेगा। फ्लोर मजदूरी का यह नियम दफ्तरों, दुकानों और निजी प्रतिष्ठानों में काम करने वाले हर श्रमिक पर लागू होगा। अनुमान है कि तीन माह के भीतर यह फ्लोर वेज घोषित हो जाएगी। वर्तमान में राज्यों में न्यूनतम वेतन बेहद असमान है—राजस्थान में गैर–कुशल श्रमिकों की न्यूनतम सैलरी अभी 8,000 रुपये प्रतिमाह से कम है, जबकि यूपी, पंजाब और बिहार में यह 11,000–12,000 रुपये और दिल्ली में 18,000 रुपये से अधिक है। नई व्यवस्था लागू होने के बाद यह समान वेतनमान पूरी देश में लागू (Uniform Wage Structure) हो सकता है।

नियुक्ति पत्र अनिवार्य होगा

नीति आयोग के सदस्य राजीव गौबा ने बताया कि अब सभी श्रमिकों को अनिवार्य नियुक्ति पत्र (Mandatory Appointment Letter) दिया जाएगा, जिससे उनके पास वेतन व नौकरी का लिखित दस्तावेज मौजूद होगा। पहले यह नियम सिर्फ अनुसूचित औद्योगिक इकाइयों तक सीमित था, लेकिन अब यह हर क्षेत्र में लागू होगा। 29 श्रम कानूनों को मिलाकर 4 संहिताएँ तैयार किए जाने से निवेश बढ़ने और नए रोजगार सृजन का अनुमान है।

उद्यमियों को राहत और बोझ दोनों

फेडरेशन ऑफ इंडियन माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (FISME) के महासचिव अनिल भारद्वाज का कहना है कि नई संहिता से उद्यमियों को कई अनुपालन नियमों से राहत मिलेगी, परंतु वेतन और ग्रेच्युटी में बढ़ोतरी (Wage Bill Increase) से लागत में बढ़ोत्तरी होगी। वहीं, IMMSME के चेयरमैन राजीव चावला का कहना है कि सरकार द्वारा दिया जा रहा Employment Linked Incentive कुछ हद तक मदद करेगा, लेकिन कुल मिलाकर लागत बढ़नी तय है।

क्या है सबसे बड़ा बदलाव

नई संहिता में उद्यमियों को 300 से कम कर्मचारियों वाली यूनिट को बिना सरकारी अनुमति के बंद करने की अनुमति होगी, जबकि वर्तमान सीमा 100 कर्मचारियों की है। बंद करने के इस नियम की सख्ती के कारण कई उद्यमी बड़े ऑर्डर के बावजूद नई यूनिट नहीं खोल पाते थे।