Women’s Reservation Bill in Parliament : सदन में महिला आरक्षण विधेयक पर सत्तापक्ष-विपक्ष में क्रेडिट वॉर
राज्यसभा में खड़गे बोले- दलित-पिछड़ी महिलाओं को हक नहीं मिलता, निर्मला सीतारमण ने पूछा- राष्ट्रपति कौन हैं?
नवप्रदेश डेस्क। Women’s Reservation Bill in Parliament : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद में महिला आरक्षण विधेयक पर बोले- महिला आरक्षण के लिए अटल जी ने प्रयास किए, लेकिन नंबर कम पड़ जाते थे। पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा कि हम सब के लिए आज का दिन यागदार है। हमें तय समय सीमा में लक्ष्यों को हासिल करना। नया भवन अहम फैसले का साक्षी बन रहा है।
लोकसभा में बिल पेश किया गया, वहां चर्चा के बाद यह बिल यहां भी आएगा। नारी सशक्तीकरण से जुड़ा यह बिल है। हमारा प्रयास रहा है कि राष्ट्र निर्माण में, अनेक सेक्टर हैं जिनमें महिलाओं की भूमिका सुनिश्चित की जा रही है। हमने सैनिक स्कूलों के दरवाजें बेटियों के लिए खोल दिए हैं। हम जितनी सुविधाएं देंगे, उतना ही हमारी बेटियां आगे बढ़ेंगीं।
राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बोलने आए। उन्होंने महिला आरक्षण बिल पर चर्चा करते हुए कहा- दलित और पिछड़ी जाति की महिलाओं को वो मौका नहीं मिलता, जो बाकी सब को मिलता है।
विपक्ष के इस बयान पर सत्ता पक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- देश की राष्ट्रपति कौन हैं? वे ट्राइबल समाज से आने वाली महिला हैं। जिस पार्टी के आप अध्यक्ष हैं, उसमें कई सालों तक एक महिला ही अध्यक्ष रही हैं।
आखिरकार खड़गे को बोलना पड़ा मैं इस बिल का स्वागत करता हूं। यह बिल लोकसभा में 2010 में पास हो चुका है। मैं कोशिश कर रहा था कि जो कानून बने, उसका लाभ गरीबों को, महिलाओं को मिले। मैं उनको प्रोत्साहित करने के लिए बोल रहा था, लेकिन वो बीच में बोलने लगे।
आपके राज में फेडरल स्ट्रक्चर कमजोर हो रहा है। दोनों पक्षों को शांत करने के लिए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा- आज ऐतिहासिक दिन है। इसको हंगामे की भेंट न चढ़ाएं। यह मुद्दा बहुत जरूरी है, कई प्रयास हुआ लेकिन यह बिल पास नहीं हो सका।