शीतकालीन सत्र : मान और अपमान को लेकर घमासान
Winter session: राज्यसभा के सभापति और देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का अपमान करना एक बड़ा मुद्दा बन गया है। संसद परिसर में टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी ने सभापति की नकल उतारकर न सिर्फ सभापति का अपमान किया है बल्कि लोकतंत्र का भी मजाक उड़ाया है। निश्चित रूप से यह घटना निंदनीय है। इस घटना को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नाराजगी व्यक्त की है और ईश्वर से कामना की है कि वे विपक्ष को सदबुद्धि प्रदान करें।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है। किन्तु विपक्ष के नेता इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष जो इस घटना का हंसते हुए वीडियो बना रहे थे। उन्होंने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भी इस शर्मनाक घटना पर कुछ भी नहीं कहा। उन्होंने तो यह कह कर अपना पल्ला झाडऩे की कोशिश की कि उन्हें इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
यदि राहुल गांधी वीडियो नहीं बनाते तो किसी को इसके बारे में कुछ पता नहीं चलता खुद कल्याण बनर्जी ने इस घटना के बारे मेें यह सफाई दी है कि मिमिक्री आर्ट है वे किसी का दिल नहीं दुखाना चाहते थे। कल्याण बनर्जी ने इसके लिए अभी तक माफी नहीं मांगी है। नतीजतन अब भाजपा ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है। आज राज्यसभा में भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने सभापति के सम्मान में एक घंटे तक सदन में खड़े रह कर प्रश्रकाल चलाया भाजपा ने अब कल्याण बनर्जी के कृत्य के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
इसके तहत जगह जगह उपराष्ट्रपति का अपमान करने वाले टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और इस घटना का वीडियो बनाने वाले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का पुतला जलाया जाएगा। एनडीए की महिला सांसद भी संसद परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगी। इधर हरियाणा के जाटों में भी इस घटना को लेकर आक्रोश फैल गया है। खाप पंचायतों की बैठक में मांग की गई है कि जाट समुदाय के जगदीप धनखड़ का अपमान करने वाले टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी यदि माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग को लेकर खाप पंचायतें आंदोलन करेंगी।
उपराष्ट्रपति के अपमान को लेकर मचा घमासान थमता नजर नहीं आ रहा है। यदि कल्याण बनर्जी माफी नहीं मांगते हैं तो निश्चित रूप से उनका यह शर्मनाक कृत्य एक बड़ा मुद्दा बन जाएगा। जिसका आगामी लोकसभा चुनाव में आईएनडीआईए को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। खासतौर पर कांग्रेस को इसका ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा क्योंकि इस घटना में राहुल गांधी की भी भागीदारी हो गई। रही बात टीएमसी की तो वह एक क्षेत्रीय पार्टी है और उसे बंगाल के बाहर कहीं चुनाव नहीं लडऩा है।
ममता बनर्जी जानती है कि बंगाल मेें इस घटना का कोई असर नहीं पड़ेगा इसीलिए वे कल्याण बनर्जी के कृत्य की निंदा भी नहीं कर रही है। वैसे भी ममता बनर्जी की जगदीप धनखड़ से पुरानी अदावत रही है। जब जगदीप धनखड़ बंगाल के राज्यपाल थे तब ममता बनर्जी का उनके साथ अक्सर टकराव होता रहता था। यहां तक की वे राज्यपाल के साथ मंच भी शेयर नहीं करती थी। राज्यसभा में भी टीएमसी के सांसद अक्सर सभापति के साथ उलझते रहे हैं।
बहरहाल कल्याण बनर्जी के माफी न मांगने से टीएमसी की सेहत पर भले ही कोई असर न पड़े लेकिन अब जाट समुदाय के एकजुट हो जाने से हरियाणा, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के एक बड़े इलाके में आईएनडीआईए को नुकसान उठाना पड़ सकता है। खाप पंचायतों ने जो आक्रामक रूख अख्तियार किया है। उसे देखते हुए यही कहा जा सकता है कि उपराष्ट्रपति की मिमिक्री करना आईएनडीआईए को बहुत भारी पड़ सकता है। बेहतर होगा की कल्याण बनर्जी अपने कृत्य के लिए माफी मांग लें।