क्या अब अंतरिक्ष में युद्ध छिड़ जाएगा?, जापान ने चीन-रूस पर लगाए गंभीर आरोप; भारत को भी रहना होगा सावधान

Japan made serious allegations against China and Russia
-एक चीनी प्रवक्ता ने कहा है कि यह चीन को बदनाम करने का नया तरीका
नई दिल्ली। इस समय दुनिया में रूस-यूक्रेन, थाईलैंड-कंबोडिया जैसे देशों में युद्ध चल रहे हैं। हाल ही में ईरान और इजऱाइल के बीच युद्ध विराम पर हस्ताक्षर हुए हैं। अब सवाल यह है कि क्या ज़मीन पर होने वाला यह युद्ध अंतरिक्ष में होगा। जापान ने अंतरिक्ष सुरक्षा नियम जारी किए हैं। चीन और रूस मिलकर किलर सैटेलाइट विकसित कर रहे हैं। जापान ने दावा किया है कि वह इस सैटेलाइट का इस्तेमाल दूसरे देशों के सैटेलाइट को निष्क्रिय करने के लिए करेगा। हालाँकि, चीन ने जापान के इस दावे को खारिज कर दिया है। चीन का कहना है कि जापान झूठा प्रचार फैलाने और अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने के बहाने ऐसा कर रहा है।
सोमवार को जापान ने अपने पहले अंतरिक्ष रक्षा दिशानिर्देश जारी किए। इसमें कहा गया है कि हम अंतरिक्ष में रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि चीन और रूस जैसे देश किलर सैटेलाइट बना रहे हैं। इन सैटेलाइट का इस्तेमाल दूसरे देशों के सैटेलाइट को नष्ट करने के लिए किया जाएगा। इसलिए, हमारी सेल्फ डिफेंस फोर्स और निजी कंपनियाँ सैटेलाइट की सुरक्षा बढ़ाने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। इसके अलावा, जापान मिसाइल प्रक्षेपणों का पता लगाने, सैटेलाइट संचार को सुरक्षित करने और दूसरे देशों के संचार को बाधित करने की क्षमता विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
चीन ने जापान के दावों पर आक्रामक प्रतिक्रिया दी है। जापान के दावे झूठे हैं। यह चीन को बदनाम करने का एक तरीका है। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग शियाओगांग ने कहा कि जापान चीनी खतरे का बहाना बनाकर अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, जो पूरी तरह से गलत है।
भारत के लिए खतरा?
भारत अंतरिक्ष में भी मज़बूती से आगे बढ़ रहा है। भारत अपने उपग्रह और अंतरिक्ष कार्यक्रम विकसित कर रहा है। जापान और भारत रक्षा और अंतरिक्ष अभियानों में सहयोग कर रहे हैं, लेकिन चीन के साथ भारत के संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं। इसलिए अगर चीन अंतरिक्ष में कोई प्रयोग कर रहा है, जैसा कि जापान दावा कर रहा है, तो भारत को सतर्क हो जाना चाहिए। अगर अंतरिक्ष में युद्ध जैसी स्थिति बनती है, तो यह भारत जैसे देश के लिए भी एक बड़ी चुनौती होगी।