क्या छत्तीसगढ़ में घटेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम ? CM ने दिए ये संकेत…
VAT Politics : वित्त मंत्री से CM ने कहा- उत्पाद शुल्क को 2014 से पहले के स्तर पर लाएं
रायपुर/नवप्रदेश। VAT Politics : छत्तीसगढ़ में पेट्रोल और डीजल की कीमतें और कम हो सकती है। इस बात के संकेत सूबे के मुखिया और वित्त मंत्री भूपेश बघेल ने दिए है। गुरुवार को भिलाई रवाना होने से पहले मीडिया से चर्चा करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि मैंने पहले ही कहा है कि जो पड़ोसी राज्य है, उससे हमारे छत्तीसगढ़ में पेट्रोल और डीजल की कीमत कम है।
सेस को समाप्त किया जाना चाहिए
हाल ही में सीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में वित्त मंत्री के साथ वर्चुअल मीटिंग हुई थी। उसमें उन्होंने कहा कि, आप थोड़ा बहुत क्यों कम करते हैं, उत्पाद शुल्क (VAT Politics) को उसी स्तर पर लाएं, जो 2014 से पहले था। दूसरा जो भारत सरकार ने सेस लगाए हैं उसे समाप्त किया जाना चाहिए, फिर भी वह हमारी बात को मानेंगे नहीं। डीजल और पेट्रोल पर नया वस्तु एवं सेवाकर (वेट) लागू नहीं है। इस पर केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी और सेस लगाती है। वहीं राज्य सरकारें वेट (वैल्यू एडेड टैक्स) लगाती हैं। छत्तीसगढ़ में सरकार दोनों पेट्रोलियम उत्पादों पर 25 प्रतिशत वेट लगता है। इसकी दरें आखिरी बार 2018 में तय हुई थीं। उसके बाद इसे कभी छेड़ा नहीं गया।
सबसे सस्ता पेट्रोल-डीजल उत्तरप्रदेश
राजधानी रायपुर में गुरूवार को प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत 101.91 प्रति लीटर रुपए थी। वहीं डीजल 93.86 रुपए प्रति लीटर की दर से बिक रहा था। पड़ोसी राज्यों में सबसे सस्ता पेट्रोल-डीजल उत्तरप्रदेश में है। लखनऊ में पेट्रोल 95.25 और डीजल 86.78 रुपए प्रति लीटर की दर से बिक रहा है। महराष्ट्र में पेट्रोल सबसे महंगा है। मुंबई में पेट्रोल 109.98 रुपए प्रति लीटर और डीजल 93.47 रुपया प्रति लीटर की दर पर बिक रहा है।
राजस्थान में दरों में राहत
राजस्थान कैबिनेट ने मंगलवार को ही वेट में कटौती कर पेट्रोल-डीजल की दरों में राहत की घोषणा की है। उसके बाद बुधवार से वहां नई दरों पर बिक्री शुरू हो गई। जयपुर में अब पेट्रोल की कीमत 4 रुपए कम होकर 107.15 रुपए लीटर और डीजल की कीमत 5 रुपए कम होकर 90.78 रुपए प्रति लीटर में बिक रहा है।
एथेनॉल बनाने की अनुमति की मांग
सीएम भूपेश बघेल (VAT Politics) ने कहा कि, मैंने तो उसके अलावा जो कोयला के पेनाल्टी है 4140 करोड़ उसकी भी मांग की थी, मैंने यह भी मांग की थी कि जो धान में उसना चावल नहीं ले रहे उस पर विचार कर लेने का की बात कहीं, और एथेनॉल बनाने की अनुमति की मांग भी हमने रखी थी। इन सब के बाद भी कोई जवाब नहीं आया है। अब 22 तारीख को कैबिनेट है, इसमें प्रस्तुत किया जाएगा और सभी पड़ोसी राज्य में किस दर पर पेट्रोल-डीजल उपलब्ध हो रहे हैं, उसको अध्ययन करके ही वह निर्णय लिया जा सकता है।