टिम कुक ने ट्रम्प की सलाह क्यों ठुकरा दी ? यदि एप्पल अमेरिका चला जाए तो क्या होगा?

Apple Ceo Tim Cook
-ट्रम्प ने टिम कुक को अमेरिका में आईफोन बनाने की दी सलाह
नई दिल्ली। Apple Ceo Tim Cook: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एप्पल के सीईओ टिम कुक को आईफोन का उत्पादन भारत के बजाय अमेरिका में स्थानांतरित करने की सलाह दी थी। हालाँकि, टिम कुक ने ट्रम्प की सलाह मानने से साफ़ इनकार कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि भारत में एप्पल का उत्पादन जारी रहेगा। लेकिन क्या एप्पल की उत्पादन इकाई को अमेरिका ले जाना सचमुच आसान है? टिम कुक के इनकार के पीछे असली कारण क्या है? आइये इसके पीछे के आर्थिक गणित को समझें।
इस बीच, ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की एक रिपोर्ट से महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। इस रिपोर्ट के अनुसार, यदि एप्पल अपना उत्पादन अमेरिका में स्थानांतरित करता है, तो कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान हो सकता है। करोड़ों रुपए का राजस्व प्रभावित होगा। इसके साथ ही भारत में काम कर रहे लोगों की नौकरियां भी खतरे में पड़ सकती हैं।
भारत में सस्ता उत्पादन
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आईफोन बनाने में एप्पल को लगभग 30 डॉलर का खर्च आता है। भारत सरकार की पीएलआई (उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन) योजना से यह लागत और भी कम हो जाती है। एप्पल अमेरिका में यही फोन लगभग 1,000 डॉलर में बेचता है, जिसमें भारत का हिस्सा केवल 30 डॉलर का है। जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि आईफोन की अंतिम असेंबली भारत में की गई थी। यदि एप्पल यह काम अमेरिका ले जाता है तो इसका सीधा असर इस क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों पर पड़ेगा और उनकी नौकरियां जा सकती हैं। हालाँकि भारत के पास इस स्थिति से निपटने के लिए अन्य विकल्प भी उपलब्ध हैं।
यदि एप्पल बंद हो जाए तो भारत के पास क्या विकल्प होंगे?
जीटीआरआई के संस्थापकों के अनुसार यदि एप्पल भारत छोडऩे का फैसला करता है, तो लोगों की नौकरियां निश्चित रूप से खतरे में पड़ जाएंगी। लेकिन इस संकट का सामना करने के लिए भारत सेमीकंडक्टर और बैटरी के साथ-साथ डिस्प्ले तकनीक में भी अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है।
एक आईफोन के निर्माण की लागत
रिपोर्ट में 1,000 डॉलर के आईफोन के निर्माण की लागत का भी विवरण दिया गया है। तदनुसार, एक आईफोन (Apple Ceo Tim Cook) के पुर्जों (भौतिक घटकों) की कीमत 450 डॉलर है। इसमें अमेरिका में क्वालकॉम और ब्रॉडकॉम जैसी कंपनियों को चिप उत्पादन के लिए 80 डॉलर, ताइवान को 150 डॉलर, दक्षिण कोरिया को ओएलईडी और मेमोरी घटकों के लिए 90 डॉलर और जापान को कैमरों के लिए 85 डॉलर मिलते हैं। जर्मनी, वियतनाम और मलेशिया 45 डॉलर का योगदान देते हैं। इस प्रकार भारत और चीन दोनों के शेयरों का मूल्य केवल 30 अमेरिकी डॉलर है।
हालाँकि ये दोनों देश आईफोन की अंतिम असेंबली के लिए संपूर्ण आधार का निर्माण करते हैं और इसे एप्पल को आपूर्ति करते हैं। इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत में विनिर्माण एप्पल के लिए आर्थिक रूप से लाभदायक है। यदि उत्पादन भारत से बाहर ले जाया गया तो कंपनी को भारी नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, एप्पल भारत के लिए रोजगार और उत्पादन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।