संपादकीय: फ्री रेवड़ी कल्चर पर लगाम आखिकर कब

संपादकीय: फ्री रेवड़ी कल्चर पर लगाम आखिकर कब

When will the free rewadi culture be curbed?

Free rewadi culture

Free rewadi culture: कोई भी चुनाव आता है तो राजनीतिक पार्टियां वोट कबाडऩे के लिए रेवड़ी कल्चर को अपना लेती है। अपने चुनाव घोषणा पत्रों में मुफ्तखोरी को बढ़ावा देने वाली योजनाओं की झड़ी लगा देेती है।

यह सीधे सीधे मतदाताओं को प्रलोभन परोसना है क्योंकि मुफ्तखोरी को बढ़ावा देने वाली घोषणाओं से मतदाता प्रभावित होता है। पहले पहल नई दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने मुफ्त बिजली नि:शुल्क पानी और महिलाओं के लिए बसों में फ्री यात्रा जैसी अनेक घोषणाएं की थी।

जिसका आम आदमी पार्टी को आशातीत लाभ मिला । नई दिल्ली में प्रचंड़ बहुमत से आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने पंजाब में भी फ्री रेवड़ी कल्चर (Free rewadi culture) को अपनाया और वहां भी आम आदमी पार्टी दो तिहाई बहुमत से अपनी सरकार बनाने में सफल हो गई।

इसके बाद से लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों ने यह फार्मूला अपनाना शुरू कर दिया। मुफ्तखोरी को बढ़ाने वाली ऐसी लोक लुभावन घोषणा करके कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में अपनी सरकार बना ली।

आज स्थिति यह है कि ऐसी घोषणाओं के कारण पंजाब कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश कर्ज तले दब गए हैं। सरकार का अधिकांश पैसा ऐसी घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने में खर्च हो रहा है।

नतीजतन वहां विकास काम ठप पड़ गए हैं। सबसे बुरी हालत तो हिमाचल प्रदेश की है। जहां इस महीने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को भुगतान के लाले पड़ गए।

वहां का सरकारी खजाना खाली हो गया है। यही वजह है कि वहां के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू और उनकी सरकार के मंत्रियों व विधायकों को दो माह का वेतन और भत्ते न लेने की घोषणा करनी पड़ी है।

इस फ्री रेवड़ी कल्चर के कारण इन राज्यों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कोई बड़ी बात नहीं कि बहुत जल्द वे दिवालिएपन की कगार पर पहुंच जाएं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई बार फ्री रेवड़ी कल्चर पर गंभीर चिंता व्यक्त कर चुके हैं। उनका कहना है कि मुफ्तखोरी को बढ़ावा देने वाली योजनाओं के कारण देश की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने भी फ्री रेवड़ी कल्चर (Free rewadi culture) पर कड़ी टिप्पणी की थी और इससे बचने की सीख दी थी। किन्तु अभी तक फ्री रेवड़ी कल्चर पर रोक लगाने के लिए कोई प्रभावी पहल नहीं की गई है। चुनाव आयोग मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहा है।

अब हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई है और वहां भी मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए ऐसी ही मुफ्तखोरी को बढ़ावा देने वाली घोषणाओं की बाढ़ आने लगी है।

हरियाणा में चुनाव प्रचार करने पहुंचे आम आदमी पार्टी के नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री ने हरियाणा के लोगों को भी फ्री बिजली पानी का प्रलोभन परोसा है।

बहुत जल्द वहां कांग्रेस भी अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस तरह की घोषणाएं कर सकती है। फ्री रेवड़ी कल्चर (Free rewadi culture) की विरोधी कही जाने वाली भारतीय जनता पार्टी ने भी जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए जो अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया है। उसमें भी मुफ्तखोरी को बढ़ावा देने वाली ऐसी कई घोषणाएं की गई है।

जब राजनीतिक पार्टियों के बीच फ्री रेवड़ी कल्चर (Free rewadi culture) को अपनाने की होड़ लग गई है तो फ्री रेवड़ी कल्चर पर रोक लगने की संभावना दूर-दूर तक नजऱ नहीं आ रही है। पता नहीं कब इस पर रोक लग पाएगी।

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