नेता ने की बदसलूकी तो चिकित्सा स्टाफ सड़क पर उतरे, अस्पताल से मरीजों को निकाला
मरीज की चिकित्सा जांच के दौरान भाजयुमो जिलाध्यक्ष अस्पताल में डॉक्टर से भिड़ गए
- खिलाफ में काम बंद कर कर थाने पहुंचे ब्लॉक भर के स्वास्थ्य कर्मी
- ब्लाक भर के शासकीय अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा ठप, मरीज परेशान
गरियाबंद/नवप्रदेश। Gariaband leader medical staff dispute hospital closure demonstration police complaint: क्षेत्र के अस्पताल में राजनीतिक हस्तक्षेप से नाराज चिकित्सा स्टाफ के प्रदर्शन का मामला सामने आया है। मामले को लेकर देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ ब्लॉकभर के स्वास्थ्य कर्मचारी अस्पतालों में ताले जड़कर थाने पहुंच गए और जिला अध्यक्ष के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। नेता से चिकित्सा स्टाफ इतना नाराज हो गया कि अस्पताल में मौजूद मरीजों को भी बाहर निकाल दिया गया।
चिकित्सा स्टाफ के अनुसार भाजयुमो के जिलाध्यक्ष ने हमारे काम में खलल डाली है। बदसलूकी की है। उनकी हरकत से नाराज ब्लॉक के बीएमओ सुनील रेड्डी सहित 9 डॉक्टर, 44 आरएचओ, 19 सीएचओ सहित बड़ी संख्या में कर्मी काम बंद कर दिए। मामले पर बीएमओ रेड्डी ने जानकारी दी कि कल शुक्रवार की रात भाजयुमो जिला अध्यक्ष योगिराज माखन कश्यप रात 10 बजे उल्टी से पीड़ित शिवदास कश्यप को लेकर देवभोग अस्पताल पहुंचे थे।
जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर महेश्वर साहू ने मरीज का इलाज शुरू किया। (Gariaband leader medical staff dispute hospital closure demonstration police complaint) उन्होंने पीड़ित शिवदास की उल्टी रोकने दवाई दी। इस दौरान इलाज कर रहे डॉक्टर से माखन कश्यप इसीजी करने की जिद करने लगा। इसी बात को लेकर डॉक्टर से माखन की तीखी बहस हो गई। बीएमओ रेड्डी ने आगे बताया कि उसके बाद डॉक्टर साहू ने मामले की सूचना मुझे दी। घटना के बाद वहां अन्य डॉक्टर भी पहुंच गए।
स्वास्थ्य केंद्रों में ताला लगा दिया गया
इस दौरान स्वास्थ अमला और माखन कश्यप के बीच भी आधे घंटे तक बहस होती रही। उसके बाद टीम ने रात को ही इसकी सूचना थाने में दी थी। मामले से नाराज चिकित्सा स्टाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अस्पतालों में आज सभी सेवाएं ठप कर थाने पहुंच गए।शिकायत पर थाना प्रभारी देवभोग पुलिस ने माखन कश्यप के खिलाफ गाली गलौच, शासकीय काम में बाधा और डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। विरोध में अन्य केंद्रों में पदस्थ डॉक्टर भी ड्यूटी छोड़कर देवभोग में मौजूद रहे। वहीं आंदोलन में डटे अमले ने अस्पताल में भर्ती मरीजों को भी बाहर निकाल दिया है। सभी स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटका हुआ है। स्वास्थ्य सेवा ठप होने से मरीज बेहाल हैं।
डिहाइड्रेड पेशेंट को उसके अनुकूल दवा नहीं दी गई : कश्यप
योगिराज माखन कश्यप ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वे खुद होम्योपेथी के जानकार हैं, (Gariaband leader medical staff dispute hospital closure demonstration police complaint) इसी लिहाज से उन्होंने लक्षण देखकर ईसीजी करने का आग्रह किया था। इसी बात को लेकर सभी ने इगो पाल लिया। कश्यप ने आगे बताया कि वे अपने बड़े पिताजी की बिगड़ती तबियत को देखते हुए ईसीजी करने का आग्रह किया था। कश्यप ने आरोप लगाया कि मरीज का शुगर 200 से ज्यादा होने के बावजूद 10 यूनिट से ज्यादा इनशुलीन लगा दिया गया। डिहाइड्रेड पेशेंट को उसके अनुकूल दवा नहीं दी गई थी। बिगड़ती तबियत को देखते हुए मैंने भी उनसे सवाल किया।
बीएमओ को हटाने पहले ही की जा चुकी है अनुशंसा
कश्यप ने आगे कहा कि चूंकि यहां के बीएमओ सुनील रेड्डी की मनमानी को देखते हुए उन्हें हटाने की अनुशंसा मंत्री जी से कर चुके हैं। हटाया ना जाए इसलिए बीएमओ अब मातहतों के साथ मिलकर राजनीति कर रहे हैं। कई ऐसे उदाहरण पहले भी हैं, जब मरीज व परिजनों के साथ हुज्जत की घटना हो चुकी है। मैंने भी रात को थाने पहुंचकर इसकी शिकायत की है। मेरे साथ न्याय नहीं हुआ तो समाज के साथ धरने पर बैठूंगा। इधर योगी ने कहा, नियम के अनुसार 24 घंटे अल्टीमेटम के बाद इमरजेंसी सेवा बंद होनी थी। अचानक बंद कराकर बीएमओ मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
शिकायत के बाद स्वास्थ्य सेवा बहाल
मामले में शिकायत को लेकर चिकित्सा स्टाफ दो घंटे के लिए पुलिस थाने पहुंचे थे। उसके बाद स्वास्थ्य सेवा बहाल कर दी गई। मरीजों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो रही है।
डॉ. गार्गी युदुपाल, सीएमएचओ