What is whooping cough : काली खांसी क्या है?, इसके घरेलू उपचार
काली खांसी का उपचार
What is whooping cough: काली खांसी को वफारा देने बहुत लाभ होता है। एक बड़े बरतन में जल उबालकर उसमें जैतून के तेल की कुछ बूंदें डालकर रोगी को उस भाप में सांस लेने को कहें।
काली खांसी के जीवाणु जो नाम और मुंह में छिपे रहते हैं, शीघ्र नष्ट हो जाएंगे।
– मयूर पंख के चंद्र आकार के पंख जलाकर (भस्म बनाकर) उसमें भुना हुआ सुहागा मिलाकर शहद के साथ चाटने से काली खांसी नष्ट होती है। सर्पगंधा का चूर्ण एक ग्राम शहद के साथ रोगी को दिन में तीन बार चाटने से काली खांसी नष्ट होती है।
What is whooping cough: लौंग को तवे पर भूनकर चूर्ण बनाकर मधु के साथ चटाने सेकाली खांसी नष्ट होती है। अभ्रक भस्मशृंग भस्म आधी-आधी रत्ती, शुद्ध टंकण एक मिग्रा को खरल द्वारा पीसका रोमी तीन-चार मात्रा दिन में मधु मिलाकर चटाने से कानी खांसी व नष्ट होती है ।
What is whooping cough: प्रदान भस्म और श्वासकुटार रस आधी-आधी रनी मात्रा में मिलाकर अदरक का रस, मधु मिलाकर चटाने से काली खासी से मुक्ति मिलती है। डोटी कंटेली का क्वाथ बनाकर मधु मिलाकर पिलाने से काली खांसी का प्रकोप नष्ट होता है।
-सितोपलादि चूर्ण 2 ग्राम शहद के साथ चाटने से काली वामी का प्रकाप नष्ट होता है खदिरादि बटी की गोलियां बच्चों को चूसकर खाने के लिए दें। खरिरादि बटी चूसते रहने से खांसी का प्रकोप रुका रहता है।
– प्रवातपिष्टी और शृंग भस्म मिलाकर मधु के साथ चाटने से काली खांसी नष्ट होती है।
– कस्तूरी भैरव रत की एक गोली पीसकर दो मात्रा बनाएं। एक मात्रा सुबह और एक मात्रा शाम को अदरक या पान के रस के साथ मधु मिलाकर देने से काली खांसी का रोग नष्ट होता है।
-कफकेतु रस आधी-आधी रत्ती मात्रा में सुबह और शाम को अदरक के रस के साथ, थोड़ा-सा मधु मिलाकर देने से खांसी के साथ श्वास रोग भी नष्ट होता है।
– गोंदती भस्म आधे ग्राम की मात्रा को दिन में दो-तीन वार वांसा के रस और मधु मिलाकर चटाकर सेवन करने से काली खांसी का वेग शांत रहता है।
– रात में सोते वक्त रोगी के वक्षस्थल और पीठ पर सैन्धवादि तेल मलने से खांसी का प्रकोप कम होता है।
– कासकुठार रस की एक गोली पीसकर दो मात्रा बनाकर सुबह-शाम अदरक के रस और मधु मिलाकर चाटने से काली खांसी का प्रकोप नष्ट होता है।
उपरोक्त उपचार इंटरनेट का संकलन है कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करके ही उपाय करें