असली मामला क्या है? अपने सह-मालिक के खिलाफ कोर्ट क्यों गईं प्रीति जिंटा?

असली मामला क्या है? अपने सह-मालिक के खिलाफ कोर्ट क्यों गईं प्रीति जिंटा?

What is the real case? Why did Preity Zinta go to court against her co-owner?

Preity Zinta

प्रीति जिंटा का कोर्ट चला; हिस्सेदारी को लेकर सह-मालिक के खिलाफ ‘लड़ाई’ लड़ी गई।

मुंबई। Preity Zinta: आईपीएल 2025 सीजन के लिए मेगा नीलामी से पहले पंजाब किंग्स के मालिकों के बीच आंतरिक विवाद सामने आया है। पंजाब टीम के मालिकों के बीच शेयरों के मुद्दे पर विवाद खड़ा हो गया है। ये विवाद सीधे कोर्ट तक पहुंच गया है। असली मामला क्या है? अपने सह-मालिक के खिलाफ कोर्ट क्यों गईं प्रीति जिंटा? ये सवाल अभी प्रचलन में हैं।

सह-मालिक के खिलाफ प्रीति जिंटा की अदालत में याचिका

पंजाब किंग्स इलेवन की सह-मालिक और बॉलीवुड अभिनेत्री प्रीति जिंटा (Preity Zinta) ने उच्च न्यायालय का रुख किया है। उन्होंने सह-मालिक और प्रमोटर मोहित बर्मन के खिलाफ पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई 20 अगस्त को होने की उम्मीद है।

पंजाब किंग्स में किस मालिक की कितनी फीसदी हिस्सेदारी?

प्रीति जिंटा (Preity Zinta) ने मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 की धारा 9 के तहत अदालत में याचिका दायर की है। मोहित बर्मन के पास केपीएच ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड में 48 प्रतिशत की बहुमत हिस्सेदारी है। वहीं प्रीति जिंटा और नेस वाडिया की हिस्सेदारी 23 फीसदी है। बाकी 8 फीसदी हिस्सेदारी चौथे मालिक करण पॉल के पास है। बर्मन आयुर्वेदिक और एफएमसीजी कंपनी डाबर के निदेशक हैं। वह कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) फ्रेंचाइजी सेंट लूसिया किंग्स के निदेशक और सह-मालिक भी हैं।

प्रीति ने किस बात का विरोध किया है?

खबर है कि बर्मन अपनी 11.5 फीसदी हिस्सेदारी किसी तीसरे पक्ष को बेचने की तैयारी कर रहे हैं। क्या वे इस तरह से अपने शेयर बेच सकते हैं? उसका विरोध करने का क्या कारण है? यह एक अलग मुद्दा है। लेकिन क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, बर्मन ने शेयर बिक्री की खबरों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि फिलहाल शेयर बेचने का कोई विचार नहीं है। मालिक प्रीति और नेस वाडिया दोनों ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

पंजाब की टीम प्रदर्शन के अलावा अन्य चीजों की वजह से चर्चा में है

पंजाब (Preity Zinta) की टीम आईपीएल के शुरुआती सीजन से ही मैदान में उतर रही है। लेकिन 17 साल में टीम ने सिर्फ एक बार फाइनल खेला है। वे इसमें भी असफल रहे। टीम के प्रदर्शन से ज्यादा इस टीम के अंदरूनी मामले हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं। अब इसमें एक और मामला जुड़ गया है।

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