केंद्र से हमारी कोई तकरार नहीं, हम केवल अपना अधिकार चाहते हैं : भूपेश |

केंद्र से हमारी कोई तकरार नहीं, हम केवल अपना अधिकार चाहते हैं : भूपेश

We have no dispute with the Centre, we only want our rights: Bhupesh

Navpradesh CG

रायपुर/ नवप्रदेश। Navpradesh CG : नवप्रदेश छत्तीसगढ़ की कांग्रेस की पहली निर्वाचित सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व को बेमिसाल तीन साल पूरे हो रहे हैं। गांव गरीब किसान को केंद्र में रखकर काम कर रहे श्री बघेल की राष्ट्रीय राजनीति में धमक भी लगातार बढ़ रही है। सत्ता और संघठन के बेहतर तालमेल के साथ आगे बढ़ रहे बघेल के सामने असल चुनौती 2023 का विधानसभा चुनाव है। जबरदस्त आत्म्विश्वास से लबरेज बघेल ने हाल ही में अपने विधायकों को आश्वासन दिया हैं कि वे चुनाव जीता कर लाएंगे। पक्ष, विपक्ष, सत्ता, संगठन के मसले पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ दैनिक नवप्रदेश समाचार पत्र समूह के प्रधान संपादक यशवंत धोटे से हुई लंबी बातचीत के प्रमुख अंश प्रस्तुत है……

We have no dispute with the Centre, we only want our rights: Bhupesh

आपके नेतृत्व में सरकार ने अपने तीन साल पूरे किये। किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
उत्तर- वर्ष 2018 में हमने बिल्कुल नए दृष्टिकोण के साथ काम करना शुरु किया था। राज्य निर्माण के बाद 18 वर्षों तक चली आ रही नीति को बदलकर हमने एक नयी नीति अपनाने का फैसला लिया था। यह नीति विकास के गांधीवादी सिद्धांतों पर आधारित थी। लेकिन इसके बाद कोरोना का संकट शुरु हो गया। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार और उसके असहयोगी रवैये (Navpradesh CG) ने हमारे सामने पहले दिन से ही कठिनाइयां खड़ी करनी शुरु कर दी थी, अब हमें महामारी से भी निपटना था। हमने जो नयी नीतियां अपनाई थी, यह उसकी कठिन परीक्षा थी। खुशी इस बात की है कि हमारी नीतियां ही हमारी ताकत बन गईं। इन्हीं नीतियों से हमने हर चुनौती पर न केवल सफ लता प्राप्त की, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। आज छत्तीसगढ़ के विकास का मॉडल देश में सबसे सफ ल मॉडल साबित हो चुका है।

इन दिनों पूरे देश में छत्तीसगढ़ सुर्खियों में है, प्रदेश को निरंतर राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिल रहे, क्या वजह मानते हैं?
उत्तर- छत्तीसगढ़ के विकास का मॉडल। व्यक्ति से लेकर जल-जंगल-जमीन और पर्यावरण तक, यह मॉडल सबके विकास की चिंता करता है।

आप एक किसान भी हैं, ऐसे में कृषि कानूनों को लेकर आप क्या कहना चाहेंगे, हालांकि केंद्र सरकार ने ये कानून वापस ले लिए हैं?
उत्तर-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन कानूनों के लिए स्वयं माफ ी मांग चुके हैं, ऐसे में मेरे कहने के लिए कुछ बचा नहीं है। मैं किसानों से बस इतना कहना चाहूंगा कि भारतीय जनता पार्टी के आंसू घडिय़ाली हैं।

राजीव गांधी न्याय योजना को लेकर देशभर में काफी चर्चा है। इस योजना को लेकर आपकी सोच क्या है?
उत्तर- इस योजना के माध्यम से किसानों को उनका हक मिला है। अपनी फ सल की सही कीमत हासिल करना हर किसान का अधिकार है। हमने इस योजना के माध्यम से किसानों के साथ न्याय किया है।

केंद्र और राज्य के बीच तकरार लगातार होती रही है, केंद्र के रवैये पर आपकी क्या राय है?
उत्तर- हमारी ओर से कोई तकरार नहीं है। हम केवल अपना अधिकार चाहते हैं।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की आंतरिक राजनीति में हलचल बनी रहती है, आये दिन दिल्ली की दौड़ होती रहती है, इसे कैसे देखते हैं? क्या हम इसे सत्ता व संगठन के बीच का बेहतर तालमेल मान सकते हैं?
उत्तर- कांग्रेस लोकतांत्रिक मूल्यों पर चलने वाली पार्टी है। हमारे यहां तानाशाही नहीं है। सबको अपनी बात हर स्तर पर कहने का अधिकार है। हम एक जीवंत पार्टी है। जहां जीवन होगा, वहां हलचल भी होगी।

कोरोना काल में कई रुकावटें आई इससे निपटने के लिए आपकी रणनीति कितनी कारगर साबित हुई?
उत्तर- सब कुछ आपके सामने है। कोरोना-काल में छत्तीसगढ़ ने न सिर्फ अपने यहां महामारी को प्रभावी तरीके से नियंत्रित किया, बल्कि अन्य राज्यों का भी सहयोग किया। रही बात अर्थव्यवस्था की, तो हमारे यहां कोरोना-काल में भी मंदी का कोई असर नहीं था। हमारे बाजारों में हमेशा रौनक बनी रही।

विपक्ष आपके कामकाज पर लगातार सवाल खड़े करता रहा है। ऐसे में विपक्ष को लेकर आपकी क्या राय है?
उत्तर- विपक्ष सवाल खड़े करता है, यह अच्छी बात है। लेकिन बेतुके सवालों से बचना चाहिए। मैं उनकी मुश्किलें समझता हूं। असल में उन्हें हमारे खिलाफ कोई मुद्दा नहीं मिल रहा है, इसीलिए अब वे अपने सांप्रदायिक और जातिगत एजेंडे पर लौट आए हैं।

प्रदेश की कुछ योजनाओं को लेकर प्रयोग किया, जैसे नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी, गौठान, गोबर खरीदी, लघु वनोपज, इनको औद्योगीकरण से जोड़ा गया। कितना लाभ मिलता दिख रहा है?
उत्तर- नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी एक (Navpradesh CG) कार्यक्रम है जिसका संचालन सुराजी गांव योजना के अंतर्गत किया जा रहा है। गौठानों को हम रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के रूप में विकसित कर रहे हैं। जहां साबुन, अगरबत्ती, कांक्रीट पोल निर्माण से लेकर साग-सब्जी उत्पादन, मधुपालन, पशु-पालन जैसी आजीविका की गतिविधियां इन्हीं गौठानों में चल रही है। हमने लघु वनोपजों के मूल्य में भी बढ़ोतरी की है। इन सबसे वनक्षेत्रों में भी हजारों की संख्या में रोजगार के अवसर निर्मित हुए हैं। आदिवासियों और वनाश्रितों की आय बढ़ी है और उनका जीवनस्तर ऊंचा उठा है। हमारी उद्योग नीति में भी कृषि और वनोपज आधारित उदयोगों की स्थापना को प्राथमिकता दी गई है।

छत्तीसगढ़ी संस्कृति और भाषा के साथ ही लोक त्योहारों में आपकी सक्रियता देखते ही बनती है। इसको लेकर काफ ी चर्चा होती है। क्या कहना चाहेंगे?
उत्तर- असल में छत्तीसगढ़ का निर्माण ही अपनी सांस्कृतिक पहचान और स्वाभिमान के संरक्षण-संवर्धन के लिए हुआ था। लोक-त्यौहारों के माध्यम से हमारे पुरखों के सांस्कृतिक मूल्य हम तक पहुंचते रहे हैं। मैं आज मुख्यमंत्री हूं, लेकिन बचपन से इन त्यौहारों को ऐसे ही उत्साह के साथ मनाता रहा हूं।

आप तीन साल कोई तीन ऐसी उपलब्धियां बताएं जिस पर आपको फक्र महसूस हो रहा है?
उत्तर- छत्तीसगढिय़ा लोग अपने ही प्रदेश में परायापन महसूस कर रहे थे। हमने उन्हें अहसास कराया है कि यह वही प्रदेश है जिसका हमारे पुरखों ने देखा था।

आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को कहां देखना चाहेंगे।
उत्तर- देश में सबके दिलों में।

कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में भूपेश बघेल की धमक दिन ब दिन बढ़ती जा रही है, इसके पीछे क्या राज है?
उत्तर- मुझे जो काम मेरे नेताओं द्वारा सौंपा जा रहा है, एक कार्यकर्ता के रूप में मैं उन्हें पूरा कर रहा हूं। बस यही राज है।

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