संपादकीय: योगी और अखिलेश के बीच जुबानी जंग
War of words between Yogi and Akhilesh: उत्तरप्रदेश की 10 विधानसभा सीटों के चुनाव होने जा रहे हैं। इनके चुनाव की तिथि अभी घोषित नहीं हुई है। लेकिन अभी से उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री तथा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है।
जो लगातार तेज होती जा रही है। गौरतलब है कि यूपी के 10 विधानसभा सीटों के चुनाव के लिए भाजपा हाईकमान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फ्री हैंड दे दिया है।
वे अभी से चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। उन्होंने इन सभी 10 सीटों के लिए मंत्रियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी है। वे खुद लगातार इन विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का उत्तरप्रदेश में प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा था। उत्तरप्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से कम से कम 70 सीटों पर भाजपा ने जीत का दावा किया था लेकिन वो अपने लक्ष्य से आधी सीटें नहीं जीत पाई।
जबकि समाजवादी पार्टी ने उत्तरप्रदेश में पहली बार 37 सीटें जीतकर एक नया कीर्तिमान रच दिया। अखिलेश यादव का टीडीए फार्मूला सफल रहा। जिसके आगे भाजपा की रणनीति विफल सिद्ध हुई।
लोकसभा चुनाव में लगे झटके स उबरने के बाद अब भाजपा ने यूपी की 10 विधानसभा सीटों के लिए होने जा रहे उपचुनाव में समाजवादी पार्टी से हिसाब चुकता करने का फैसला ले लिया है।
इन उपचुनावों को उत्तरप्रदेश में 2027 को होने वाले विधानसभा के सेमीफाइनल के रूप में भी देखा जा रहा है। यही वजह है कि इसे भाजपा और समाजवादी पार्टी दोनों ने ही अपनी प्रतिष्ठा का विषय बना रखा है।
यदि इस उपचुनाव में भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिलेगी तो एक बार फिर उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व पर सवालिया निशान शुरू हो जाएंगे।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश में भाजपा की सीटें कम होने के बाद योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए उनके विरोधियों ने मुहिम चला दी थी।
यह बात अलग है कि भाजपा हाईकमान ने उनकी मुहिम को नजर अंदाज करके योगी आदित्यनाथ पर अपना भरोसा कायम रखा था। किन्तु इस उपचुनाव में भी यदि भाजपा को वांछित सफलता नहीं मिलती है तो योगी आदित्यनाथ के विरोधी फिर एक बार सक्रिय हो जाएंगे।
यह बात योगी आदित्यनाथ भी समझ रहे हैं और इसीलिए उन्होंने उपचुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। चूंकि उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी से ही है इसलिए दोनों के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है।
अखिलेश यादव के बयानों पर योगी आदित्यनाथ (War of words between Yogi and Akhilesh) जमकर पलटवार कर रहे हैं। दूसरी ओर अखिलेश यादव भी उनके आरोपों पर पलटवार करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं।
नतीजतन दोनों के बीच तलखी बढ़ती जा रही है। यह हाल तो तब है जबकि अभी तक उपचुनाव की तिथि घोषित नहीं हुई है। जब चुनाव की घोषणा हो जाएगी तब तो यह जुबानी जंग और भी तेज हो जाएगी।
बहरहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि यह जुबानी जंग आगे चलकर क्या रंग लाती है और उपचुनाव में चुनावी ऊंट किस करवट बैठती है।