Vomits: भोजन, मदिरापान, विषाक्त भोजन, आमाशयी संक्रमण या जोर से खांसी आना उल्टियां..
Vomits: अधिक भोजन, मदिरापान, विषाक्त भोजन, आमाशयी संक्रमण या जोर से खांसी आना आदि रोग के अनेक कारण हो सकते हैं। इसमें रोगी को बार-बार उल्टियां होती है।
उल्टियों vomit का उपचार
Vomits: सब्जियों का सूप और बेर इस रोग में वहुत लाभकारी हैं। अनार का रस भी पिलाया जा सकता है। उल्टियां होने पर रोगी को किसी प्रकार का ठोस भोजन नहीं देना चाहिए। वमन में अदरक का प्रयोग अत्यन्त लाभकारी है। इसे चुटकी भर नमक लगाकर खाने के बाद या पहले अदरक चबाकर खाने से मुंह पाचक लार की वृद्धि होती है, जी मिचलाना बन्द हो जाता है।
पित्त की शिकायत के कारण अपच हो या उल्टियां हों तो चुकन्दर के रस में एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर तरल खाद्य पदार्थ के रूप में देने से उल्टियां बन्द हो जाती है। शहद का सेवन अति गुणकारी है। शहद से पाचन शक्ति को बल मिलता है। अपच के कारण होने वाली हानि और हृदय की जलन दूर होती हे यह बच्चों, बूढ़ों और युवकों तथा स्त्रियों के लिए समान रूप से उपयोगी है।
एक चम्मच अदरक के रस में उतना ही नींबू तथा पोदीने का रस और एक चम्मच शहद मिश्रित कर सेवन करने से बहुत लाभ होता है। लौंग चबाकर या पीसकर गर्म पानी के साथ सेवन करने से जी मिचलना और उल्टियां अनी बन्द हो जाती हैं।
अपनी पसंद के आहार का सेवन रोग ठीक हो जाने पर करें। चुकन्दर के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर प्रातःकाल सेवन करने से भी लाभ होता है। उल्टियां रूक जाने पर शीघ्र पचने वाले खाद्य-पदार्थों, जैसे सूप आदि का सेवन धीरे-धीरे आरम्भ करें।
पानी में लौंग उबालकर मिश्री मिलाएं और इसे पीकर आराम से लेट जायें। लौंग का उबला हुआ पानी 50 ग्राम की मात्रा में प्रत्येक दो घंटे के बाद सेवन करें। – यदि चिन्ता के कारण जी मिचला रहा हो तो विश्राम करें।
यह उपाय इंटरनेट के माध्यम से लिए गए हैं कृपया अपने डाक्टर से सलाह लेकर ही उपाय करें।