Vishnu Deo Sai Cabinet : सियासी जोड़-घटाव के बाद अब ‘जोड़ने’ की बारी…कैबिनेट विस्तार में इन नामों पर चर्चा तेज़… गजेंद्र, राजेश और खुशवंत रेस में सबसे आगे…

Vishnu Deo Sai Cabinet
Vishnu Deo Sai Cabinet : छत्तीसगढ़ की सियासत में अब चर्चा सिर्फ फाइलों की नहीं, चेहरों की हो रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के हालिया दिल्ली दौरे और भाजपा शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट तेज़ हो गई है।रक्षाबंधन के बाद बड़े सियासी बदलाव के संकेत मिल रहे हैं।
कौन-कौन है ‘कैबिनेट की कतार‘ में?
सूत्रों की मानें तो जिन नामों पर गंभीरता से मंथन हो रहा है, उनमें ये प्रमुख हैं:
राजेश अग्रवाल (अंबिकापुर) – वैश्य समाज का प्रतिनिधित्व, पहली बार विधायक बने, टीएस सिंहदेव को हराया।
गजेंद्र यादव (भिलाई) – पिछड़ा वर्ग से, मजबूत संगठनात्मक पकड़।
गुरु खुशवंत (आरंग) – सामाजिक समीकरणों को साधने में उपयुक्त चेहरा।
सम्पत अग्रवाल (बसना) – संगठन में पुराने, लेकिन चुनावी जीत के बाद से दिख रहे एक्टिव।
दिल्ली से लौटे साय, बोले – “इंतजार कीजिए, जल्द होगा”
मुख्यमंत्री साय ने पत्रकारों से बातचीत में मंत्रिमंडल(Vishnu Deo Sai Cabinet) विस्तार पर पूछे गए सवाल पर मुस्कराते हुए जवाब दिया –
“जल्द हो जाएगा, थोड़ा इंतजार कीजिए…”
उनके इस बयान के बाद सियासी अटकलें और भी तेज़ हो गई हैं।
कितने पद खाली, कितनी गुंजाइश?
वर्तमान में कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 13 सदस्य
बृजमोहन अग्रवाल के लोकसभा पहुंचने के बाद 2 पद रिक्त
15 तक सीमित है मंत्री पदों की अधिकतम संख्या
यानि अभी दो नेताओं को मंत्रिमंडल(Vishnu Deo Sai Cabinet) में जगह मिल सकती है – और यही दो कुर्सियाँ बनी हैं सबसे ज्यादा चर्चित सीट।
राजनीति का संतुलन साधने की चुनौती
भाजपा संगठन सामाजिक संतुलन और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व दोनों को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट विस्तार की ओर बढ़ रहा है। वैश्य, ओबीसी और आदिवासी समुदाय के नेताओं के नाम सामने आना इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
अब बस दिल्ली की ‘मुहर’ बाकी
सूत्रों की मानें तो नाम लगभग(Vishnu Deo Sai Cabinet) तय हैं, अब बस पार्टी आलाकमान की स्वीकृति मिलते ही रक्षाबंधन के बाद कभी भी कैबिनेट विस्तार की घोषणा हो सकती है।