Virat Kohli Spiritual Journey : वैभव नहीं…वैराग्य में है प्रभु की कृपा…विराट-अनुष्का को प्रेमानंद महाराज की सीख ने बदला नजरिया…देखें Video…

वृंदावन, 17 मई। Virat Kohli Spiritual Journey : विराट कोहली ने भले ही क्रिकेट के मैदान से एक बड़ा फैसला लेकर सबको चौंका दिया हो, लेकिन अब लगता है कि उनका ध्यान जीवन के उस पड़ाव की ओर बढ़ रहा है जहां यश नहीं, आत्मिक शांति की तलाश है। टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा वृंदावन पहुंचे, जहां दोनों ने प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
यह मुलाकात सिर्फ एक आध्यात्मिक आशीर्वाद की रस्म नहीं थी, बल्कि जीवन की गहराइयों को छूने वाला अनुभव भी बन गई। महाराज ने दोनों को कृपा और पुण्य के फर्क को समझाते (Virat Kohli Spiritual Journey)हुए एक ऐसा दृष्टिकोण दिया जो न सिर्फ उनके लिए, बल्कि हर शख्स के सोचने के तरीके को बदल सकता है।
“यश और वैभव पुण्य हैं, लेकिन कृपा नहीं”: महाराज की सीख
प्रेमानंद महाराज ने विराट और अनुष्का को संबोधित करते हुए कहा, “वैभव और यश का मिलना पुण्य का फल है, लेकिन भगवान की कृपा तब होती है जब मन का चिंतन बदलता (Virat Kohli Spiritual Journey)है, जब भीतर की दृष्टि जागती है।” उन्होंने आगे बताया कि जब भगवान कृपा करते हैं तो दो चीजें देते हैं — एक संतों का संग और दूसरा विपरीत परिस्थितियां, जो व्यक्ति को दुनिया की सच्चाई से रूबरू कराते हैं।
भीतर की यात्रा का मार्ग खुला?
महाराज की बातों से स्पष्ट था कि विराट और अनुष्का इस आध्यात्मिक ज्ञान को न सिर्फ सुन रहे थे बल्कि उसे आत्मसात भी कर रहे थे। विराट का हालिया फैसला अब सिर्फ खेल से जुड़ा नहीं लगता, बल्कि यह भी प्रतीत होता है कि वे एक आंतरिक यात्रा की शुरुआत कर चुके हैं, जहां नामजप और वैराग्य का मार्ग उन्हें खींच रहा है।
राधे नामजप का महत्व और भावनात्मक विदाई
मुलाकात के अंत में महाराज ने राधे नामजप की महिमा बताई और आग्रह किया कि “इसे जीवन का हिस्सा बनाएं।” दोनों ने सिर झुकाकर सहमति दी और आश्रम से विदा हो (Virat Kohli Spiritual Journey)गए। इस दौरान उनकी सादगी और शांत मुद्रा ने यह स्पष्ट किया कि ये सिर्फ एक ‘सेलिब्रिटी विज़िट‘ नहीं, बल्कि किसी गहरे आध्यात्मिक संकेत की ओर बढ़ता कदम है।