VIDEO: एक साथ कई ड्रोन मार गिराएगा, भारत का 'भार्गवस्त्र', क्या आपने देखो वीडियो ?

VIDEO: एक साथ कई ड्रोन मार गिराएगा, भारत का ‘भार्गवस्त्र’, क्या आपने देखो वीडियो ?

VIDEO: India's 'Bhargavastra' will shoot down multiple drones at once, have you seen the video?

Bhargavastra

गोपालपुर। Bhargavastra: भारत ने हाल ही में पाकिस्तान के नापाक आतंकवादी इरादों को विफल कर दिया है। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ चलाया और पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया। हालाँकि भारतीय सेना ने इन हमलों को विफल कर दिया। इस संघर्ष के दौरान पूरी दुनिया ने भारत की मिसाइल शक्ति को देखा। अब भारत की इस ताकत को और मजबूत करने के लिए सेना के बेड़े में ‘भार्गवस्त्र’ शामिल हो गया है।

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हवाई हमलों के दौरान ड्रोन बेड़े से उत्पन्न खतरे का मुकाबला करने के लिए भारत के पास अब एक नया और कम खर्चीला समाधान है। ‘भार्गवस्त्र‘ नामक इस हार्ड किल मोड काउंटर ड्रोन सिस्टम को ‘सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड एसडीएएल’ द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। इसका पहला परीक्षण आज सफलतापूर्वक पूरा हो गया। इसका परीक्षण ओडिशा के गोपालपुर स्थित सीवार्ड फायरिंग रेंज में किया गया। ‘भार्गवस्त्र’ प्रणाली ड्रोन हमलों का जवाब छोटे रॉकेटों से देने में सक्षम है। यह प्रणाली विशेष रूप से ड्रोन खतरों को रोकने के लिए विकसित की गई है।

पहला परीक्षण सफल!

‘भार्गवस्त्र’ (Bhargavastra) प्रणाली के सूक्ष्म रॉकेटों का परीक्षण 13 मई, 2025 को ओडिशा के गोपालपुर स्थित सीवार्ड फायरिंग रेंज में किया गया। इस अवसर पर भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। कुल तीन परीक्षण आयोजित किये गये। दो परीक्षणों में एक-एक रॉकेट दागा गया, जबकि एक परीक्षण में दो रॉकेट मात्र दो सेकंड के अंतराल पर साल्वो मोड में दागे गए। सभी चार रॉकेटों ने अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन किया तथा सभी परीक्षण मापदण्ड पूरे किये।

‘भार्गवस्त्र’ की विशेषता क्या है?

‘भार्गवस्त्र’ एक मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) है जो खतरों से निपटने में सक्षम है। इसमें दो-चरणीय फायरिंग तंत्र है। इसकी पहली परत में बिना निर्देशित सूक्ष्म रॉकेट तैनात किए गए हैं, जो 20 मीटर की सीमा के भीतर ड्रोनों के बेड़े को नष्ट करने में सक्षम हैं। इसकी प्रभावी सीमा 2.5 किमी तक है। तो दूसरी परत में एक निर्देशित माइक्रो-मिसाइल है जो सटीक निशाना साधती है।

एसडीएएल द्वारा विकसित यह प्रणाली मॉड्यूलर और भू-भाग-अनुकूलनीय है, जो 5,000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर भी काम करने में सक्षम है। इससे उसे भारतीय सशस्त्र बलों के अभियानों में प्रमुख भूमिका निभाने का अवसर मिलता है। ‘भार्गवस्त्र’ का रडार 6 से 10 किलोमीटर की निम्न रडार क्रॉस-सेक्शन (एलआरसीएस) रेंज में हवाई लक्ष्यों का पता लगा सकता है।

नाम में क्या खास बात है?

‘भार्गवास्त्र’ नाम भी विशेष है। महाभारत में कुछ विनाशकारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया था। इनमें से एक भार्गवास्त्र भी था, जिसका नाम महर्षि भार्गव परशुराम के नाम पर रखा गया था। अब इसी नाम से प्रेरणा लेते हुए भारत ने एक परिष्कृत माइक्रो-मिसाइल आधारित काउंटर-ड्रोन प्रणाली विकसित की है। भारत के बेड़े में शामिल हुआ यह नया ‘भार्गवस्त्र’ आधुनिक युद्ध में देश की सुरक्षा को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए तैयार है।

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