वास्तु विशेष : घर का प्रवेश द्वार कैसे आपको देगा धनलाभ, ब्रह्मांड से मिलेगी…
वास्तु विशेष (Vastu special) : प्यारे मित्रों हम सब यह जिस घर (home) में रहते हैं उसका एक प्रवेश द्वार (Entry Gate) होता है और यह प्रवेश द्वार ब्रह्मांड (Entrance universe) से हमको मिला था। अर्थात इस द्वार की जो ऊर्जा (gate Energy) होती है अगर वह शुभ है तो हमें लाभ प्रदान करती है। ऐश्वर्य प्रदान करती है मान सम्मान और कीर्ति प्रदान करती है।
कई घरों में बुरी नजर का प्रभाव
अगर यह सही बिंदु पर नहीं है तो यह द्वार हमें कर्जा, तनाव और साथ ही साथ स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या प्रदान करता है। कई जगहों पर तो अगर आप का द्वार सही ना हो तो आपके हत्या तक की संभावनाएं व्यक्त करता है। कई घरों में बुरी नजर का प्रभाव ज्यादा होता है संभवत यह भी द्वार का प्रभाव होता है।
कुछ हद तक निजात पा सकते
कई-कई घरों में रहने वाले व्यक्ति स्वयं को दुनिया से थोड़ा अलग-थलग महसूस करते हैं वह भी संभवत द्वार का ही प्रभाव होता है यदि आप अपने द्वार को सही कर ले और उपयुक्त रंग का चयन करके अपने द्वार का रंग करें तो भी आप को लाभ होता है और आप समस्या से कुछ हद तक निजात पा सकते हैं।
बढ़ सकती है आपकी धन लाभ की स्थिति
लेकिन प्राचीन समय से आठ दिशाओं की अवधारणाएं चली आ रही हैं। वर्तमान में इनका स्थान 32 दिशाओं ने ले लिया है, ताकि आपके हर एक सूक्ष्म गतिविधि का प्रभाव मापा जा सके और उसका निदान किया जा सके। जिस प्रकार विज्ञान ने तरक्की की है उसी प्रकार वास्तु ने भी तरक्की तो नहीं कहूंगा लेकिन नए उपकरणों के प्रयोग से आपको लाभ की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है।
लाभ और हानि दोनों बराबर
कई बार ऐसा होता है कि हम जितना कमाते हैं उतना ही खर्चा हो जाता अर्थात इनकम इज इक्वल टू एक्सपेंडिचर लाभ लाभ और हानि की मात्रा बराबर बराबर होगा तो आपके पास धनराशि नहीं बचेगी होता यू है कि जब हमारा घर का प्रवेश द्वार 2 दिशाओं का संगम होता है।
नकारात्मक ऊर्जा
तब वहां पर एक सकारात्मक दिशा और एक नकारात्मक ऊर्जा टकराती है जिसके फल स्वरुप वहां पर समान मात्रा में सकारात्मक ऊर्जा और नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है जिसके फलस्वरूप हानि और लाभ यदि बराबर अनुपात में होते हैं। यदि आप अपने प्रवेश द्वार की ऊर्जा को हम जान ले तो आप अपनी नकारात्मक ऊर्जा को बंद कर सकते हैं और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकते हैं।
वास्तु पंचतत्व के सिद्धांत
जब यह ऊर्जा अर्थात नकारात्मक ऊर्जा बंद होती है तो निश्चित तौर पर सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बड़ता है और आप लाभान्वित होते हैं, यह सृष्टि का क्रम अनवरत कालो से चलता आ रहा है क्योंकि जो वास्तु है वह पंचतत्व के सिद्धांत पर चलता है और उसके अनुकूल ही घर के रंग होने चाहिए लेकिन व्यवहार में ऐसा होता नहीं।
कई बार आ जाती है समस्याएं
जल के दिशा पर अग्नि का रंग, अग्नि दिशा पर जल के रंग, पृथ्वी पर जल का रंग यह सब आपके संतुलन को पंचतत्व संतुलन को बिगाड़ देता जिसके फलस्वरूप आप तनाव, पैसे की कमी, काम की कमी, शरीर में थकान और नाना प्रकार के समस्याओं से व्यतीत होते हैं और आप परेशानी में पड़ते जाते है।
धन जो कही अटक जाता है
यदि आप इन समस्याओं में से किसी एक से भी पीडि़त है, अर्थात यदि आपके ऊपर कर्जा है आपका स्वास्थ्य सही नहीं है आपका बीपी लो है या हाई है, आपके पेमेंट अटके हुए हैं आप की धनराशि गलत जगह लग गई है, क्या आप जहां पर भी इन्वेस्टमेंट करते हैं, वह इन्वेस्टमेंट आगे जाकर आपको नुकसान देता है तो यह सब वास्तु के ही प्रभाव है।
अच्छे अवसर नहीं मिलना
इतना ही नहीं यदि आप गलत दिशा में टॉयलेट बनाते हैं तो कई बार आप अपने बिजनेस में अच्छे अवसर खो देते हैं, इतना ही नहीं कई बार हमारे बच्चे गलत दिशा में चले जाते हैं और माता-पिता की इच्छा के विरुद्ध विवाह करते हैं कई घरों में लगातार परेशानियां आती रहती है।
डिग्री के आधार पर सुनिश्चित करें
इस प्रकार वास्तु के अनेक पहलू हैं मैंने आज प्रवेश द्वार पर चर्चा की संभवत अगले अंक पर किसी अन्य विषय पर चर्चा करूंगा, यदि आप किसी समस्या से जूझ रहे हो और उसका निदान आपको नहीं रहा हो तो वास्तु कारगर सिद्ध हो सकता है। एक बार अपने घर की वास्तु जांच अवश्य कराएं और यह भी सुनिश्चित करें कि यह डिग्री के आधार पर हो ना कि अनुमान के आधार पर क्योंकि जब अंधेरे में तीर चलते हैं तो कई बार लक्ष्य से विमुख हो जाते हैं।
लाभ के संकेत मिलेंगे
वास्तव में हर शहर थोड़ा तिरछा है कोई पूर्व दिशा की तरफ की तरफ झुका हुआ है कोई पश्चिम दिशा की तरफ अत: इसको आप पूर्व मान रहे हैं वह पूर्ण पूर्व दिशा नहीं है अत: अनुमानों पर अंतर आ सकता है आप स्वयं विचार करें इसी कारण आपको इसका लाभ नहीं मिलता। अत: प्रमाणिक वास्तु कराएं तो आपका लाभ होने की संभावना को और सकता है। क्योंकि त्रुटि का परिणाम आपको ही भोगना पड़ता है।
अत: प्रमाणिक और सही वास्तु ही कराएं डिग्री के आधार पर यदि आपको वास्तु से संबंधित किसी प्रकार की समस्या हो तो आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं। जब भी मिले प्रयास रखें कि आपके घर का नक्शा आपके साथ हो और घर के दीवारों के रंग भी उसमें समाहित हो।