नवरात्रि पर माता के दर्शन के लिए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जरुरी, ऐप से कराना होगा रजिस्ट्रेशन

नवरात्रि पर माता के दर्शन के लिए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जरुरी, ऐप से कराना होगा रजिस्ट्रेशन

Vaccination certificate is necessary for mother's darshan on Navratri, registration will have to be done through the app

Navratri

राजनांदगांव/नवप्रदेश। Navratri : छत्तीसगढ़ की देवनगरी डोंगरगढ़ में करीब दो साल बाद नवरात्री पर्व फिर से धूमधाम से मनाई जाएगी। लेकिन इस दौरान भी कोरोना गाइड लाइन का पालन करना अनिवार्य होगा। इसके लिए श्रद्धालुओं को वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट का रजिस्ट्रेशन करना होगा,तभी माता के दर्शन हो पाएंगे।

प्रसिद्ध शक्तिपीठ डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी के मंदिर में इस बार क्वांर नवरात्रि पर्व गुरुवार, 7 अक्तूबर से आरम्भ होकर शुक्रवार, 15 अक्तूबर तक चलेगा। इस दौरान मनोकामना ज्योति कलश की स्थापना की जाएगी। दरअसल, बीते दो सैलून से कोरोना संक्रमण की वजह से आम लोगों के लिए ज्योति दर्शन वर्जित रहा। भक्तों ऑन लाइन दर्श ही सम्भव था। इस बार कोरोना संक्रमण का ग्राफ काफी कम है, इसलिए जिला प्रशासन ने मंदिर समिति को आम भक्तों के लिए दर्शन की अनुमति दी है।

मेला, झूला और पदयात्रा पर रोक

श्रद्धालु नवरात्रि के दौरान ज्योति कलश (Navratri) का दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को एक विशेष ऐप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ताकि मंदिर में बेवजह भीड़ को रोका जा सके। साथ ही संक्रमण का खतरा भी न हो। मंदिर में दर्शन के लिए 72 घंटे का कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट और वैक्सीनेशन के दोनों डोज का सर्टिफिकेट अनिवार्य है। वहीं बाजार, मेला, झूला और पदयात्रा पर यथावत रोक राखी गई है। साथ ही इस साल भी डोंगरगढ़ के लिए स्पेशल ट्रेन की अनुमति नहीं दी गई है।

महाराष्ट्र के श्रद्धालुओं पर विशेष नजर

कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के अनुसार कोरोना की तीसरी संभावित लहर अक्टूबर में होने की आशंका के चलते कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर इस बार भी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल से मां बम्लेश्वरी मंदिर में मेला प्रतिबंधित किया गया है। आंशिक छूट के साथ सिर्फ दर्शन करने की अनुमति होगी। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम चेक प्वाइंट पर तैनात रहेगी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र से सीमा लगी होने और वहां से अधिक दर्शनार्थी आने के कारण सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रतिबंध के बीच होगी माता की आराधना

परंपरागत रूप से माता की पूजा-अर्चना (Navratri) नहीं की जाएगी, केवल मंदिर में दर्शन की अनुमति होगी। मां बम्लेश्वरी मंदिर के 10 किमी पहले मुरमुंदा, चिचोला और अन्य डोंगरगढ़ आने वाले रास्तों में चेक प्वाइंट बनाए जाएंगे। मां बम्लेश्वरी मंदिर दर्शन के लिए ऐप तैयार किया जाएगा, जिसमें मंदिर दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। रेल यात्रियों को रेलवे स्टेशन में कोविड-19 जांच के बाद ही मंदिर आने की अनुमति होगी।

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